गोरखपुर में 28 सितंबर को जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी का भव्य आयोजन

गोरखपुर में 28 सितंबर को जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी का भव्य आयोजन
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गोरखपुर में 28 सितंबर को जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी का भव्य आयोजन

गोरखपुरशहर में 28 सितंबर को एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर ग़ाज़ी रौज़ा स्थित आइडियल मैरेज हाउस में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम रात 8:30 बजे से 11 बजे तक चलेगा, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय और आसपास के इलाकों के लोग शरीक होंगे।

कार्यक्रम के संयोजक हाफ़िज़ अयाज़ अहमद ने बताया कि यह जलसा ईद मिलादुन्नबी के मौके पर आयोजित किया जा रहा है, जो इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने इस कार्यक्रम की महत्ता पर ज़ोर देते हुए कहा कि यह धार्मिक सभा न केवल पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं और उनके जीवन पर चर्चा करने का मौका है, बल्कि समुदाय के बीच भाईचारा और आपसी समझ को बढ़ावा देने का भी एक ज़रिया है।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बिलग्राम शरीफ के सज्जादानशीन पीरे तरीक़त मौलाना सैयद उवैस मुस्तफा वास्ती शामिल होंगे। उनके साथ, अल जामियतुल अशरफिया मुबारकपुर यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान मौलाना मसऊद अहमद मिस्बाही भी तकरीर पेश करेंगे। दोनों विद्वानों की उपस्थिति से जलसे का महत्व और भी बढ़ जाएगा, और उनके द्वारा दी गई तकरीरें समुदाय को प्रेरित करने का काम करेंगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कारी फ़ुरकान अहमद द्वारा की जाएगी, जबकि संचालन मौलाना मकसूद आलम करेंगे। इस जलसे में पैगंबर मोहम्मद साहब की नात शरीफ भी पेश की जाएगी, जो हाफ़िज़ एमादुद्दीन और क़ारी नसीमुल्लाह द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। नात शरीफ, पैगंबर साहब की स्तुति में पढ़े जाने वाले कलाम होते हैं, जो उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने का एक महत्वपूर्ण तरीका हैं।

इस जलसे में गोरखपुर और उसके आसपास के कई प्रतिष्ठित उलमा किराम भी शामिल होंगे, जो इस कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाएंगे। संयोजक हाफ़िज़ अयाज़ अहमद ने सभी लोगों से इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है, ताकि सभी लोग इस अवसर का लाभ उठा सकें और धार्मिक माहौल का आनंद ले सकें।

यह जलसा शहर के धार्मिक आयोजनों में से एक प्रमुख आयोजन माना जा रहा है, और इसमें शरीक होकर लोग पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं से अवगत हो सकेंगे और अपनी आस्था को और मज़बूत कर सकेंगे।

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