
गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पंजीकरण और प्रवेश की तिथि बढ़ाकर 20 अक्टूबर कर दी है। जो छात्र अब तक पंजीकरण नहीं कर पाए थे, उनके लिए यह एक बड़ा अवसर है। कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी ने जानकारी दी कि छात्र 10 से 20 अक्टूबर तक बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के पंजीकरण कर सकते हैं। हालांकि, अगर कोई छात्र 20 अक्टूबर तक पंजीकरण नहीं कर पाता, तो उसे 500 रुपये का विलंब शुल्क चुकाना होगा।
छात्रों के हित में लिया गया फैसला
पंजीकरण की तिथि बढ़ाने का यह निर्णय उन छात्रों के लिए है जो किसी कारणवश समय पर आवेदन नहीं कर पाए थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए एक कदम बताया है। अब छात्र बिना किसी परेशानी के 20 अक्टूबर तक ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं।
कौन-कौन से पाठ्यक्रमों में प्रवेश?
इस बढ़ी हुई तिथि का लाभ स्नातक, परास्नातक, पीएचडी, डिप्लोमा, और सर्टिफिकेट कोर्स के छात्र उठा सकते हैं। विश्वविद्यालय ने सभी प्रकार के नियमित और स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के लिए यह सुविधा दी है।
प्रमुख पाठ्यक्रमों की सूची:
- स्नातक (B.A., B.Sc., B.Com)
- परास्नातक (M.A., M.Sc., M.Com)
- पीएचडी
- डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स
पंजीकरण प्रक्रिया: एक नजर में
पंजीकरण के लिए छात्र को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर आवश्यक जानकारी भरनी होगी। सभी दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद शुल्क जमा करके फॉर्म को सबमिट करना होगा।
पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज़:
- 10वीं और 12वीं की अंकसूची
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
विलंब शुल्क के साथ पंजीकरण
अगर छात्र 20 अक्टूबर तक पंजीकरण नहीं कर पाते, तो उन्हें 500 रुपये का विलंब शुल्क देना होगा। यह शुल्क 20 अक्टूबर के बाद लागू होगा, और अंतिम तिथि के बाद पंजीकरण नहीं किया जा सकेगा।
समय पर पंजीकरण करने के फायदे
जो छात्र समय पर पंजीकरण करेंगे, उन्हें न केवल विलंब शुल्क से मुक्ति मिलेगी, बल्कि वे समय पर अपनी कक्षाओं में शामिल हो सकेंगे। साथ ही, उन्हें सभी प्रक्रिया में प्राथमिकता भी मिल सकती है।
विलंब से पंजीकरण करने के नुकसान
विलंब से पंजीकरण करने वाले छात्रों को 500 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा, और कुछ पाठ्यक्रमों में सीमित सीटों के कारण वे अपने पसंदीदा कोर्स में प्रवेश नहीं पा सकते। इसके अलावा, समय पर प्रक्रिया पूरी न होने पर शैक्षणिक सत्र भी प्रभावित हो सकता है।
छात्रों के लिए विशेष सलाह
छात्रों को यह सलाह दी जाती है कि वे समय रहते ही पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर लें। विलंब शुल्क से बचने के लिए 20 अक्टूबर तक पंजीकरण करना अनिवार्य है।
कुलसचिव का संदेश
कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी ने कहा, "हम चाहते हैं कि सभी छात्रों को समय पर पंजीकरण करने का अवसर मिले। हालांकि, विलंब से बचने के लिए छात्रों को अपनी जिम्मेदारियां निभानी होंगी।"
FAQs
1. पंजीकरण की अंतिम तिथि क्या है?
पंजीकरण की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है। इसके बाद 500 रुपये का विलंब शुल्क लागू होगा।
2. क्या सभी पाठ्यक्रमों के लिए तिथि बढ़ाई गई है?
हां, स्नातक, परास्नातक, पीएचडी, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स सभी पाठ्यक्रमों के लिए तिथि बढ़ाई गई है।
3. विलंब शुल्क से कैसे बचा जा सकता है?
विलंब शुल्क से बचने के लिए 20 अक्टूबर तक पंजीकरण फॉर्म जमा करना होगा।
4. ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया क्या है?
ऑनलाइन पंजीकरण के लिए छात्र को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना होगा, दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे और शुल्क जमा करना होगा।
5. क्या विलंब से पंजीकरण करने पर किसी अन्य समस्या का सामना करना पड़ेगा?
हां, विलंब से पंजीकरण करने पर छात्रों को न केवल अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा, बल्कि उन्हें अपनी पसंदीदा कक्षाओं में प्रवेश में भी समस्या हो सकती है।
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छात्रों के हित में लिया गया फैसला
पंजीकरण की तिथि बढ़ाने का यह निर्णय उन छात्रों के लिए है जो किसी कारणवश समय पर आवेदन नहीं कर पाए थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए एक कदम बताया है। अब छात्र बिना किसी परेशानी के 20 अक्टूबर तक ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं।
कौन-कौन से पाठ्यक्रमों में प्रवेश?
इस बढ़ी हुई तिथि का लाभ स्नातक, परास्नातक, पीएचडी, डिप्लोमा, और सर्टिफिकेट कोर्स के छात्र उठा सकते हैं। विश्वविद्यालय ने सभी प्रकार के नियमित और स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के लिए यह सुविधा दी है।
प्रमुख पाठ्यक्रमों की सूची:
- स्नातक (B.A., B.Sc., B.Com)
- परास्नातक (M.A., M.Sc., M.Com)
- पीएचडी
- डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स
पंजीकरण प्रक्रिया: एक नजर में
पंजीकरण के लिए छात्र को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर आवश्यक जानकारी भरनी होगी। सभी दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद शुल्क जमा करके फॉर्म को सबमिट करना होगा।
पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज़:
- 10वीं और 12वीं की अंकसूची
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
विलंब शुल्क के साथ पंजीकरण
अगर छात्र 20 अक्टूबर तक पंजीकरण नहीं कर पाते, तो उन्हें 500 रुपये का विलंब शुल्क देना होगा। यह शुल्क 20 अक्टूबर के बाद लागू होगा, और अंतिम तिथि के बाद पंजीकरण नहीं किया जा सकेगा।
समय पर पंजीकरण करने के फायदे
जो छात्र समय पर पंजीकरण करेंगे, उन्हें न केवल विलंब शुल्क से मुक्ति मिलेगी, बल्कि वे समय पर अपनी कक्षाओं में शामिल हो सकेंगे। साथ ही, उन्हें सभी प्रक्रिया में प्राथमिकता भी मिल सकती है।
विलंब से पंजीकरण करने के नुकसान
विलंब से पंजीकरण करने वाले छात्रों को 500 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा, और कुछ पाठ्यक्रमों में सीमित सीटों के कारण वे अपने पसंदीदा कोर्स में प्रवेश नहीं पा सकते। इसके अलावा, समय पर प्रक्रिया पूरी न होने पर शैक्षणिक सत्र भी प्रभावित हो सकता है।
छात्रों के लिए विशेष सलाह
छात्रों को यह सलाह दी जाती है कि वे समय रहते ही पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर लें। विलंब शुल्क से बचने के लिए 20 अक्टूबर तक पंजीकरण करना अनिवार्य है।
कुलसचिव का संदेश
कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी ने कहा, "हम चाहते हैं कि सभी छात्रों को समय पर पंजीकरण करने का अवसर मिले। हालांकि, विलंब से बचने के लिए छात्रों को अपनी जिम्मेदारियां निभानी होंगी।"
FAQs
1. पंजीकरण की अंतिम तिथि क्या है?
पंजीकरण की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है। इसके बाद 500 रुपये का विलंब शुल्क लागू होगा।
2. क्या सभी पाठ्यक्रमों के लिए तिथि बढ़ाई गई है?
हां, स्नातक, परास्नातक, पीएचडी, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स सभी पाठ्यक्रमों के लिए तिथि बढ़ाई गई है।
3. विलंब शुल्क से कैसे बचा जा सकता है?
विलंब शुल्क से बचने के लिए 20 अक्टूबर तक पंजीकरण फॉर्म जमा करना होगा।
4. ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया क्या है?
ऑनलाइन पंजीकरण के लिए छात्र को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना होगा, दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे और शुल्क जमा करना होगा।
5. क्या विलंब से पंजीकरण करने पर किसी अन्य समस्या का सामना करना पड़ेगा?
हां, विलंब से पंजीकरण करने पर छात्रों को न केवल अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा, बल्कि उन्हें अपनी पसंदीदा कक्षाओं में प्रवेश में भी समस्या हो सकती है।