

विरोध प्रदर्शन में दिखी पुलिस की ज़्यादती
नई दिल्ली। परीक्षाओं में धांधली, पेपर लीक व भर्तियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ़ भगतसिंह जनाधिकार यात्रा, दिशा छात्र संगठन, नौजवान भारत सभा से जुड़े देश भर के तक़रीबन 12 राज्यों से सैकड़ों की संख्या में छात्र-युवाओं ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने ज़ोरदार तरीके से अपनी बात रखी। हाथों में तख्तियां लिए छात्रों ने सरकार से सवाल किया। छात्रों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का इस्तीफा मांगा है।
बताते चलें कि दिल्ली पुलिस ने जुटान से पहले ही अनुमति न होने का हवाला दे दिया था। इसके बावजूद जब छात्र-युवा संसद मार्ग थाने तक एक रैली की शक़्ल में पहुँच गये तब दिल्ली पुलिस के अफ़सरों को मजबूरन जंतर-मंतर पर सभा के लिए जगह देनी पड़ी। जंतर-मंतर पर चली सभा में अलग-अलग राज्यों से आए छात्र-युवा प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया। कोई भी प्रतिनिधि छात्र-युवाओं का ज्ञापन लेने तक नहीं आया। प्रदर्शनकारी जब ज्ञापन सौंपने के मक़सद से संसद मार्ग की ओर बढ़े तो दिल्ली पुलिस ने दमन व बल प्रयोग किया। छात्राओं तक को जमीन पर घसीटा गया। कईयों के कपड़े तक फट गये। छात्र-छात्राओं को पीटा गया। केशव, अंजलि, नीशू, विशाल आदि छात्रों को निशाना बनाया गया। काफ़ी जद्दोजहद के बाद पुलिस द्वारा सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को बसों में ठूँस दिया गया। दिल्ली की सड़कों पर उन्हें घंटों घुमाया गया। इस दौरान पानी ही नहीं बल्कि ज़रूरतमन्दों को फ़र्स्ट एड की सुविधा तक नहीं दी गई। प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर कापसहेड़ा थाने में रखा गया। हिरासत के दौरान भी छात्रों-युवाओं का धरना लगातार जारी रहा। ख़बर फ़ैलने के बाद देशभर से नागरिकों, बुद्धिजीवियों ने दिल्ली पुलिस-प्रशासन पर दबाव बनाया। अपनी फजीहत होती देख और आंदोलन के तीखे तेवर के सामने पुलिस को अन्त में हार माननी पड़ी और प्रदर्शनकारी छात्रों-युवाओं को बिना किसी कार्रवाई के रिहा करना पड़ा। आंदोलन को आगे बढ़ाने के नये संकल्प के साथ आज के प्रदर्शन का समापन हुआ।

दिशा छात्र संगठन की केंद्रीय परिषद सदस्य, अंजली ने बताया कि जंतर-मंतर पर छात्रों ने सलीके से प्रदर्शन किया। सरकार की शह पर पुलिस ने छात्रों के साथ काफी बदसलूकी व ज्यादती की। छात्रों से हाथापाई की गई। कई छात्र चोटिल हुए।
उन्होंने बताया कि छात्रों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की हालिया शिक्षा नीतियों का कड़ा विरोध किया। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, और इस राष्ट्र के करदाता के रूप में, यह हमारा कर्तव्य है कि हम सत्तारूढ़ पार्टी से सवाल करें। सरकार और दिल्ली पुलिस का छात्र-युवा विरोधी चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हुआ है। पारदर्शी परीक्षा प्रणाली और भ्रष्टाचार मुक्त भर्ती व्यवस्था हमारा हक़ है, पुलिसिया दमन से हमारा संघर्ष थमेगा नहीं। आन्दोलन जारी रहेगा।
छात्रों ने कहा कि युवा आबादी के इस सबसे बड़े देश में युवाओं का भविष्य अँधेरे की गर्त में है। पिछले सात सालों के दौरान 80 से ज़्यादा परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। भर्तियों में होने वाला भ्रष्टाचार हम सबके सामने है। आरओ-एआरओ, यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा, बीपीएससी से लेकर हाल में नीट और यूजीसी नेट जैसी परीक्षाओं की एक लम्बी फेहरिस्त है। इस पर भी मौजूदा केंद्रीय शिक्षा मंत्री यह बयान देने की बेशर्मी कर रहे हैं कि भाजपा के कार्यकाल में एक भी पर्चा लीक नहीं हुआ है।
छात्रों ने कहा कि एनटीए जैसी संस्था को बिना किसी सुव्यवस्थित ढाँचे के चलाया जा रहा है जिसका नतीजा यह है कि एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ सामने आ रही हैं। एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली सभी परीक्षाएँ प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से करायी जा रही हैं। विभिन्न परीक्षाओं के पेपर सरकारी प्रेसों की जगह प्राइवेट प्रेसों से छपवाये जा रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश में आरओ-एआरओ परीक्षा में पेपर लीक में प्राइवेट प्रेस से ही पेपर लीक हुआ था। कहना नहीं होगा छात्रों-युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ लगातार जारी है। हमारे सपनों को मोदी सरकार के राज के दौरान बुरी तरह से कुचला गया है।



