पैग़म्बरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी मामला: नरसिंहानंद के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया जमीयत-उल-कुरैश ने सौंपा ज्ञापन

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NSA और UAPA के तहत सख्त कार्रवाई की मांग, सोशल मीडिया से बयान हटाने की अपील

NSA और UAPA के तहत सख्त कार्रवाई की मांग, सोशल मीडिया से बयान हटाने की अपील

गोरखपुर। पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा (सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम) की शान में यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर मुस्लिम समुदाय में गहरा आक्रोश है। इस मामले में मंगलवार को ऑल इंडिया जमीयत-उल-कुरैश के पूर्वांचल अध्यक्ष मोहम्मद क़मर कुरैशी 'राजू' और मशहूर शायर मिन्नत गोरखपुरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। इस ज्ञापन में यति नरसिंहानंद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है, जिसमें NSA और UAPA जैसे कड़े कानूनों के तहत कार्रवाई की बात कही गई है।

मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंची

ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यति नरसिंहानंद द्वारा पैग़म्बरे इस्लाम की शान में की गई टिप्पणी से न सिर्फ करोड़ों मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं, बल्कि इससे सांप्रदायिक सौहार्द्र को भी खतरा पैदा हुआ है। मोहम्मद क़मर कुरैशी ने कहा, "हमारी मांग है कि सरकार इस मामले में तत्काल प्रभाव से यति नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई करे। उनकी विवादित टिप्पणियों ने समुदाय के लोगों के बीच गहरा रोष पैदा किया है और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।"

सख्त कानूनों के तहत हो कार्रवाई

प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर सरकार से NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) और UAPA (गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) जैसे कड़े कानूनों के तहत कार्रवाई की मांग की है। मो. क़मर कुरैशी ने जोर देकर कहा, "नरसिंहानंद की यह टिप्पणी न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए अपमानजनक है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करती है। ऐसे में उनके खिलाफ NSA और UAPA जैसे कानूनों के तहत कार्रवाई करना जरूरी है।"

सोशल मीडिया से विवादित बयान हटाने की मांग

मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही इस विवादित टिप्पणी पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, "हमारी मांग है कि सरकार इस विवादित बयान को सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म से तुरंत हटाए। इस तरह की बातें समाज में नफरत फैलाती हैं और युवाओं के मन में गलत संदेश पहुंचाती हैं।"

प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख लोग शामिल

इस ज्ञापन को सौंपने के दौरान कई प्रमुख हस्तियां भी मौजूद रहीं, जिनमें मोहम्मद सेराज कुरैशी, चांद कुरैशी, जीशान कुरैशी, आफताब आलम, मोहम्मद अमन, मौलवी हकीकुल्लाह, हाफिज अब्दुल रऊफ, हाफिज मुजीबुर्रहमान, हाफिज कामरान अकमल, हकीम नक्शबंदी, अशफाक हुसैन मेकरानी, मो. आजम लारी आदि शामिल थे। सभी ने एक सुर में यति नरसिंहानंद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सांप्रदायिक सौहार्द्र को खतरा

कौमी एकता कमेटी और नेशनल ह्यूमन राइट्स एंड जस्टिस मूवमेंट के सदस्यों ने भी इस ज्ञापन में हस्ताक्षर किए। उनका कहना था कि इस प्रकार के बयान न केवल एक समुदाय को चोट पहुंचाते हैं, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच विभाजन की रेखाएं खींचते हैं।

अशांति फैलाने का प्रयास

सभी संगठनों का मानना है कि यति नरसिंहानंद की यह टिप्पणी अशांति फैलाने और देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास है। कौमी एकता कमेटी के एक सदस्य ने कहा, "हम इस प्रकार की बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं कर सकते। सरकार को जल्द से जल्द इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।"

सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील

प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से अपील की है कि वह ऐसे विवादित बयानों को गंभीरता से ले और सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया कंपनियों से भी अपील की है कि इस तरह के बयान उनके प्लेटफार्म से तुरंत हटा दिए जाएं।

सोशल मीडिया पर नफरत का फैलाव

आज के समय में सोशल मीडिया पर इस तरह के विवादित बयानों का फैलाव बहुत तेजी से होता है, जिससे समाज में गलत संदेश जाता है। मिन्नत गोरखपुरी ने इस बात पर जोर दिया कि सोशल मीडिया कंपनियों को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए और ऐसे बयानों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।

विवादित बयान के बाद तनाव

इस बयान के बाद से कई जगहों पर तनाव की स्थिति भी देखने को मिल रही है। हालांकि, प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि इस मामले की जांच की जा रही है। स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने भी धैर्य और संयम बरतने की अपील की है।

न्यायिक कार्रवाई की मांग

कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने इस मामले में न्यायिक कार्रवाई की भी मांग की है। उनका कहना है कि इस प्रकार की बयानबाजी को रोकने के लिए कड़े कानूनों का उपयोग किया जाना चाहिए।

समाज में एकता की अपील

कौमी एकता कमेटी और अन्य संगठनों ने समाज से भी अपील की है कि वह इस मुद्दे पर धैर्य से काम लें और सांप्रदायिक एकता बनाए रखें। उन्होंने कहा, "हमें अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना होगा।"

नरसिंहानंद के बयान का कड़ा विरोध

देशभर में यति नरसिंहानंद के इस बयान का कड़ा विरोध हो रहा है। कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं और सरकार से कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

जिला प्रशासन ने कहा है कि ज्ञापन प्राप्त हो चुका है और उसे उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि मामले की जांच की जा रही है और उचित कार्यवाई जाएगी।

यह मामला सिर्फ एक धार्मिक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं है, बल्कि समाज में अशांति और विभाजन पैदा करने का भी है। यति नरसिंहानंद के विवादित बयान ने करोड़ों मुसलमानों को आक्रोशित किया है और इसका विरोध देशभर में हो रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या इस प्रकार की बयानबाजी पर लगाम लगाने के लिए कड़े कानूनों का उपयोग किया जाएगा।


FAQs

  1. यति नरसिंहानंद ने क्या विवादित बयान दिया?
    यति नरसिंहानंद ने पैग़म्बरे इस्लाम की शान में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।



  2. ऑल इंडिया जमीयत-उल-कुरैश ने क्या मांग की है?
    ऑल इंडिया जमीयत-उल-कुरैश ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ NSA और UAPA जैसे कड़े कानूनों के तहत कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया से विवादित बयान को हटाने की भी अपील की है।



  3. कौमी एकता कमेटी का क्या रुख है?
    कौमी एकता कमेटी का कहना है कि इस प्रकार के बयान समाज में अशांति फैलाते हैं और उन्होंने भी कड़ी कार्रवाई की मांग की है।



  4. सोशल मीडिया पर इस मामले का क्या प्रभाव पड़ा?
    विवादित बयान सोशल मीडिया पर तेजी से फैला, जिससे समाज में नफरत और विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो गई। मिन्नत गोरखपुरी ने इसे हटाने की अपील की है।



  5. क्या सरकार इस मामले में कार्रवाई करेगी?
    प्रशासन ने ज्ञापन प्राप्त कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है। समुदाय उम्मीद कर रहा है कि सरकार जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करेगी।

  • Ahmad Atif

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