
चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम वाले छात्रों को मिलेगा दाखिला, वर्ष 2026 से बदलेगा प्रारूप
नई दिल्ली। शैक्षणिक सत्र 2026-27 से शिक्षा स्नातक यानी बीएड का प्रारूप और पाठ्यक्रम बदलने जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत किए गए बदलाव में दस साल बाद अब बीएड का पाठ्यक्रम फिर एक वर्षीय हो जाएगा। बीएड कॉलेजों के लिए वर्ष 2025 से नर बदलाव की अधिसूचना जारी होगी। इसमें चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले विद्यार्थियों को दाखिला मिलेगा।
शिक्षक पात्रता परीक्षा गानी टीईटी के नियमों व मापदंड में बदलाव भी 2027 में चार वर्षीय इंटीवेटेड डिश्रीपाने वाले वैच के निकलने से पहले हो जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) के अध्यक्ष प्रो. पंकज अरोड़ा ने बताया कि स्कूली शिक्षा की गुणवता में सुधार और फर्जी व डमी कॉलेजों पर नकेल कसने की तैयारी तेज हो गई है। शिक्षा नीति के तहत चार भागों फाउंडेशन, प्रपिटरी, मिडिल मेंसेकंडरी स्तर के अनुरूप ही शिक्षक तैयार किए जाएंगे। स्नातक पाठ्यक्रम में बदलाव के कारण अलग-अलग बीएड कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।
छात्रों को इस तरह से मिलेगा बीएड डिग्री
एक साल में बीएड: इसमें चार वर्षीप स्नातक व स्नातकोत्तर का पाठ्यक्रम पूरा कर चुके विद्यार्थी दारिता ले सकेंगे।
दो साल में बीएड: तीन वर्षीय स्नातक करने वाले विद्यार्थियों की स्नाक के बाद शिक्षक बनने के अभ्यर्थियों को फायदा मिलेगा।
एमएड डिग्री: चार वर्षी इंटीग्रेटेडबीएड व दो साल बीएड की पढ़ाई वाले विद्यार्थी इसमें दाखिला से सोगे।
इन पाठ्यक्रमों का होगा विस्तार
चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड 2023 में बीए-बीएड, बीससी-बीएड और बीकॉम बीएड का पहला बैच शुरू हुआ है। 2025 में इसमें विशेषगज्ञता कोर्स शारीरिक शिक्षा, कला शिक्षा, योग शिक्षा व संस्कृत शिक्षा जुड़ेंगे। जो मात्र 12 वीं के बाद शिक्षक बनना चाहेगे, वे इसमें दाखिला ले सकेंगे।
पुराना दो वर्षीय बीएड अभी 750 कॉलेजों में चल रहे इस पाठ्यक्रम का भी विस्तार किया जाएगा।.
फर्जी कॉलेजों पर नकेल
- देशभर के साढ़े 15 हजार बीएड कॉलेजों को शिक्षकों के पैन नंबर, उनकी वेतन खाते से पंजीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे वे एक से ज्यादा कॉलेजों में सेवाएं नहीं दे सकेंगे।
- डमी व फर्जी कॉलेजों को पकड़ने के लिए जियो कोऑर्डिनेट के तहत शिक्षकों छात्रों की लाइव फोटो अपलोड करनी होगी ।
- कॉलेजों को वर्ष 2021-22 और 2022-23 की परफोर्मेस अप्रेजल रिपोर्ट ( PAR) 10 दिसंबर तक अनिवार्य तौर पर अपलोड करने के निर्देश है। इसमे शिक्षकों व छात्रों की संख्या , छात्र- शिक्षक अनुपात पाठयक्रम मूल्यांकन, परिणाम, पाम प्रतिशत जैसी अहम जानकारियां देनी है। इससे पद की गुणवत्ता में सुधार होगा।