गोरखपुर। बुधवार को इस्लामी माह जिलहिज्जा का चांद जिले में देखा गया। उलमा किराम ने ऐलान किया कि जिलहिज्जा की पहली तारीख गुरुवार 29 मई को होगी। शनिवार 7 जून को ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर्व अकीदत व रवायत के मुताबिक मनाया जाएगा। वहीं 7, 8 व 9 जून को लगातार तीन दिन तक कुर्बानी की जाएगी। उलमा किराम ने पर्व में अमन, शांति व भाईचारा बनाए रखने और साफ-सफाई का खास ख्याल रखने की अपील की है।
मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर के शिक्षक कारी मुहम्मद अनस रजवी ने बताया कि कुर्बानी करने का हुक्म कुरआन-ए-पाक में दिया हुआ है। कुर्बानी करना वाजिब है। कुर्बानी हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है। जो इस उम्मत के लिए बरकरार रखी गई है और पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को इसका हुक्म दिया गया है। ईद-उल-अजहा पर्व 7 जून को परंपरा व अमन शांति के साथ मनाया जाएगा। मुसलमानों द्वारा 7, 8 व 9 जून को कुर्बानी अदा की जाएगी।
बकरीद की तैयारियां शुरु, खरीदा जाने लगा बकरा : हाफिज रहमत
सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी ने बताया कि जिलहिज्जा इस्लाम धर्म का 12वां व अंतिम महीना है। बकरों की खरीदारी शुरू हो गई है। गली मोहल्ले में कुर्बानी के बकरे बिक रहे हैं। पर्व के करीब आते ही जामा मस्जिद उर्दू बाजार के बाहर, इलाहीबाग, खूनीपुर, जाहिदा बाद, शाह मारूफ, अस्करगंज, तुर्कमानपुर, रसूलपुर, गोरखनाथ, रहमतनगर, उंचवा, जाफरा बाजार सहित कई जगहों पर कुर्बानी के जानवरों का बाजार गुलजार होगा।
इसी माह अदा होता है हज : मौलाना महमूद
चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर के इमाम मौलाना महमूद रजा कादरी ने बताया कि जिलहिज्जा माह की 10 तारीख को ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर्व मनाया जाता है। पर्व के मौके पर मुस्लिम समाज द्वारा लगातार तीन दिन तक कुर्बानी की जाती है। जिलहिज्जा माह में ही देश व दुनिया के लाखों मुसलमान हज अदा करते हैं। भारत से भी बड़ी संख्या में हज यात्री मक्का व मदीना शरीफ पहुंचे हुए हैं।