मदरसों से बच्चों की शिफ्टिंग पर रोक लगाने का सुप्रीम निर्देश

चांद नहीं दिखा, माहे सफ़र का आगाज़ बुधवार से
Spread the love

अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया निर्देश

कोर्ट के निर्देश से मदरसों को मिलेगी बड़ी राहत : दीवान साहब ज़मां

समद अहमद सिद्दीकी
"द आवाज़"

चांद नहीं दिखा, माहे सफ़र का आगाज़ बुधवार से

दिल्ली | सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के एम नटराजन को मौखिक निर्देश देते हुए कहा है कि "वह यूपी के अधिकारियों को कोर्ट की मंशा से अवगत कराएं ताकि भविष्य में कोई ऐसी कार्रवाई न हो जो सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के दायरे में आए आज अवमानना याचिका पर कोई नोटिस जारी नहीं किया जा रहा है लेकिन यह गंभीर मामला है कि बच्चों की शिफ्टिंग पर रोक के बावजूद शिफ्टिंग की कार्रवाई की जा रही है।"

यूपी सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को यह चेतावनी चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया यूपी की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दी गई। वहीं न्यायालय में इस अहम विषय पर अंतिम सुनवाई 20 अगस्त को होने की भी बात कही गई।

इस बीच वादी पक्ष की ओर से एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड रोहित अमित अस्थलकर और प्रतिवादियों की ओर से एओआर रोचिरा गोयल लिखित दलीलें और अपील में लिखे गए सभी फैसले और जवाब अदालत के समक्ष पेश करेंगे। तथा इस बीच बच्चों की शिफ्टिंग जैसी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

स्पष्ट रहे कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय (लखनऊ खंडपीठ) ने 22 मार्च 2014 के अपने फैसले में मदरसा पाठ्यक्रम में धार्मिक शिक्षा को शामिल करने के आधार पर बच्चों को मदरसा से स्कूलों में स्थानांतरित करने के लिए यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ टीचर्स एसोसिएशन ऑफ मदरसा अरबिया यूपी और मदरसों से जुड़े अन्य संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, जिस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 5 अप्रैल को हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए प्रमुख जटिलताओं पर गहन विचार कर फैसला करने की बात कही थी।

इसके बावजूद बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पत्र को आधार बनाते हुए मुख्य सचिव यूपी ने 26 जून को एक आदेश जारी कर सहायता प्राप्त/अनुमोदित मदरसों गैर मुस्लिम बच्चों और गैर-अनुमोदित मदरसों से सभी बच्चों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करने की कार्रवाई शुरू कर दी थी। अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस पर कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। इस सूची में दारुल उलूम देवबंद, दारुल उलूम नदव तुल उलमा लखनऊ और अन्य मदरसे शामिल हैं। जिसके खिलाफ यह अवमानना याचिका दायर की गई थी अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह सख्त टिप्पणी की।

दीवान साहब ज़मां
महासचिव, टीचर्स एसोसिएशन मदारिस
अरबिया उप्र

अवमानना याचिका दायर करने वाले टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया यूपी के महासचिव दीवान साहब ज़मां ने उम्मीद जताई है कि कोर्ट के सख्त फैसले के बाद मदरसों को बड़ी राहत मिलेगी बच्चों की शिफ्टिंग रुकेगी क्यूंकि अवमानना याचिका का अभी तक निस्तारण नहीं हुआ है। इसलिए हमें उम्मीद है कि अधिकारी सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *