
गोरखपुर। पवित्र माह-ए-रमजान आने वाला है। एक या 2 मार्च से रोजा शुरु हो जाएगा। वहीं चांद के दीदार के साथ तरावीह की नमाज 28 फरवरी या 1 मार्च से अदा की जाएगी। रमजान के इस्तकबाल की तैयारियां चल रही हैं। रमजान में तरावीह नमाज का खास महत्व है। तरावीह में बीस रकात नमाज अदा की जाती है। तरावीह की नमाज में हाफिज पूरा क़ुरआन-ए-पाक सुनाते हैं। शहर व देहात की हर छोटी-बड़ी मस्जिदों में तरावीह की नमाज विशेष रूप से अदा की जाती है। ज्यादातर मस्जिदों के लिए हाफिज-ए-क़ुरआन नियुक्त हो चुके हैं। शहर की मस्जिदों में तरावीह की नमाज रात करीब 8:15 से 8:45 बजे के बीच शुरु होगी।
तरावीह की नमाज सुन्नते मुअक्कदा है : मौलाना फिरोज
मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर के इमाम मौलाना फिरोज अहमद निजामी ने बताया कि तरावीह की नमाज मर्द व औरत सबके लिए सुन्नते मुअक्कदा है। उसका छोड़ना जाइज नहीं। तरावीह की नमाज 20 रकात है। तरावीह की नमाज पूरे माह-ए-रमजान में पढ़नी है। रमजान में तरावीह नमाज के दौरान एक बार कुरआन खत्म करना सुन्नत है। दो बार खत्म करना अफजल है। तीन बार कुरआन मुकम्मल करना फजीलत माना गया है। औरतें घर में ही तन्हा-तन्हा तरावीह की नमाज पढ़ेंगी। माह-ए-रमजान में जन्नत को सजाया जाता है। रोजेदारों की दुआ कबूल होती है।
रमजान में उतरा कुरआन-ए-पाक : हाफिज रहमत
सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाज़ार के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी ने बताया कि रमजान में न सिर्फ बंदों पर रोजे फर्ज किए गए बल्कि अल्लाह पाक ने सारी आसमानी किताबें रमजान के महीने में उतारी। क़ुरआन-ए-पाक इसी माह में नाजिल हुआ। कुरआन-ए-पाक का हक है कि बंदे उसकी तिलावत करें और उसके हुक्म के मुताबिक ज़िंदगी गुजारें।
यहां इतने दिनों में मुकम्मल होगा एक कुरआन-ए-पाक
1. दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल, मस्जिद औलाद अली मुख्तार निकट डॉ. मल्ल अस्पताल बक्शीपुर – 10 दिन
2. मस्जिद जलील शाह खूनीपुर निकट पानी की टंकी – 14 दिन
3. नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार, मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर, बिलाल मस्जिद अलहदादपुर – 15 दिन
4. मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर – 16 दिन
5. चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर, मस्जिद जामे नूर जफर कॉलोनी बहरामपुर, गाजी मस्जिद गाजी रौजा, फिरदौस जामा मस्जिद जमुनहिया बाग, बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, मक्का मस्जिद मेवातीपुर, मकबरे वाली मस्जिद बनकटीचक – 21 दिन
यह पढ़ायेंगे तरावीह की नमाज
हाफिज अयाज अहमद, हाफिज रहमत अली निजामी, हाफिज महमूद रजा कादरी, हाफिज सैफुल्लाह निजामी, हाफिज आसिम, हाफिज अंसारुल हक, हाफिज अफजल बरकाती, हाफिज शराफत हुसैन, हाफिज अब्दुल वाहिद रजा, हाफिज मोहसिन, हाफिज अनवर अहमद, हाफिज सद्दाम हुसैन, हाफिज मो. महताब, आदि तरावीह की नमाज पढ़ाने के लिए तैयारियों में लगे हुए हैं। कुरआन-ए-पाक दोहराया जा रहा है ताकि नमाज में कोई आयत छूटने न पाए। तरावीह की नमाज में उन्हें नमाजियों को पूरा कुरआन-ए-पाक सुनाना है।