माह-ए-रमजान का आगाज, पहला रोज़ा आज,तरावीह की नमाज शुरु, उमड़े नमाजी

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गोरखपुर। शनिवार की शाम माह-ए- रमज़ान का चांद देखा गया। जिसके साथ ही रमज़ान शरीफ का पहला अशरा ‘रहमत’ का शुरु हो गया। रविवार 2 मार्च को पहला रोजा रखा जाएगा और एक महीने बाद खुशियों का त्योहार ईद परंपरा के अनुसार मनाया जाएगा। रमजान का पहला रोजा सबसे छोटा व अंतिम रोजा सबसे बड़ा होगा। रमजान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है।

रमजान की आमद से शहर में रौनक छा गई। मुस्लिम समाज में खुशियां फैल गई। लोगों ने एक-दूसरे को रमजान की मुबारकबाद पेश की। सोशल मीडिया पर रमजान की खास दुआ व मुबारकबाद के मैसेज शेयर किए गए। सभी लोग अल्लाह की इबादत में जुट गए और गुनाहों की माफी मांगी।

शनिवार को चांद के साथ ही तरावीह नमाज़ की तैयारी शुरु हो गई। पुरुषों ने मस्जिद में तरावीह की नमाज़ अदा की। घरों में महिलाओं ने तरावीह की नमाज़ पढ़ी। नमाज़, कुरआन-ए-पाक की तिलावत, तस्बीह व दुआ का सिलसिला चल पड़ा, जो लगातार एक माह तक जारी रहेगा। लोगों ने अल्लाह की हम्द व सना की और इबादत में लग गए।

सहरी व इफ्तार की तैयारी 

तरावीह की नमाज खत्म होने के साथ ही लोग रविवार से शुरु होने वाले रोजे की सहरी व इफ्तार की तैयारियों में जुट गए। चांद दिखने के बाद सहरी की तैयारी ने बाजारों की रौनक बढ़ा दी। तुर्कमानपुर, उर्दू बाजार, जाफरा बाजार, नखास चौक, इलाहीबाग और गोरखनाथ जैसे इलाकों में सहरी और इफ्तार के सामानों के लिए पहले से सजी दुकानों पर भीड़ देखने को मिली। मोहल्ले के नुक्कड़ भी लोगों के उत्साह से लबरेज दिखे। कहीं सेवईयां खरीदी जा रही थीं तो कहीं खजूर। सेवईयाें व खजूर की क्वॉलिटी को लेकर लोग संजीदा दिखे। यह रौनक पूरे एक माह तक बरकरार रहेगी। रविवार से रमज़ान में सहरी व इफ्तार के दस्तख्वान पर सजे लजीज पकवान, शर्बत, फल, खजूर वगैरा रोजेदार का इस्तकबाल करते नज़र आएंगे।

रमजान हेल्पलाइन नंबर जारी 

माह-ए-रमजान को लेकर हेल्पलाइन नंबर 9454674201 जारी किया गया है। उक्त मोबाइल नंबर पर नमाज, रोजा, सदका, जकात, फित्रा, एतिकाफ, शबे कद्र सहित तमाम दीनी सवालों का जवाब मिलेगा। यह जानकारी कारी मुहम्मद अनस रजवी ने दी है। उन्होंने बताया कि रोजेदार सुबह दस से दोपहर 12:30 बजे तक, दोपहर तीन से शाम 5:30 तक और रात साढ़े दस से रात 12:00 बजे तक ही कॉल करें। व्हाट्सएप पर मैसेज के जरिए भी दीनी सवाल पूछा जा सकता है।

यहां पढ़ी गई तरावीह की नमाज

शनिवार को जिले की सभी मस्जिदों व कुछ मदरसों में तरावीह की बीस रकात नमाज अदा की गई। दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर, बिलाल मस्जिद अलहदादपुर, मस्जिद जामे नूर जफ़र कॉलोनी बहरामपुर, बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, गाजी मस्जिद गाजी रौजा, मदीना मस्जिद रेती सहित जिले की सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ अदब व एहतराम के साथ अदा की गई। दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद मस्जिद व मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया में नमाजियों की भीड़ उमड़ी। हाफिज रहमत अली निजामी, मौलाना महमूद रज़ा, कारी शराफत हुसैन, कारी मोइनुद्दीन, हाफिज सद्दाम हुसैन, कारी अंसारुल हक, हाफिज सैफुल्लाह निजामी आदि ने तरावीह की नमाज पढ़ाई। 

रमजान के रोजे फर्ज हैं, रोजा न रखना बहुत बड़ा गुनाह है : मुफ्ती शुएब

मुफ्ती मुहम्मद शुएब रज़ा निजामी ने बताया कि इस्लाम धर्म के सबसे पाक माह रमज़ान की शुरुआत चांद के दीदार के साथ होती है। रमज़ान शरीफ का महीना दीन-ए-इस्लाम में खास अहमियत रखता है। इस माह में इस्लाम धर्म के मानने वाले पूरा महीना रोज़ा रखते हैं। अल्लाह की इबादत करते हैं। इस पाक महीने मे रोजा रखने वाले रोजेदार सुबह सादिक से पहले तक सहरी करके रोजे की नीयत करके रोजा रखने की शुरुआत करते हैं। शाम को सूरज छिपने के बाद इफ्तार करते हैं। रोजा न रखना बहुत बड़ा गुनाह है। रोजा का इंकार करने वाला इस्लाम धर्म से खारिज है।

रमजान रहमत व बरकत वाला महीना : इंजीनियर हेरा 

इंजीनियर हेरा ने बताया कि इस्लाम धर्म में माह-ए-रमज़ान बेहद खास है । हर बालिग मुसलमान मर्द व औरत जो अक्ल वाला व तंदुरुस्त हो उस पर रमज़ान का रोजा रखना फर्ज है। जो मुसलमान रोजा नहीं रखता है वह अल्लाह की रहमत से महरूम रहता है। रोजा न रखने पर वह शख्स अल्लाह की नाफरमानी करता है। रमजान बहुत ही रहमत व बरकत वाला महीना है। अल्लाह के बंदे दिन में रोजा रखते है और रात में खास नमाज तरावीह पढ़ते है। इस माह में मुसलमान कसरत से जकात, सदका, फित्रा निकाल कर गरीब, यतीम, बेसहारा, बेवाओं की मदद करते हैं। रोजे की हालात में किसी की बुराई करने व सुनने, बुरा देखने, बुरा करने से बचना चाहिए।

 

सुन्नी

पहला रोजा (2 मार्च 2025)

सहरी – 4:56 बजे सुबह

इफ्तार – 6:03 बजे शाम

दूसरा रोजा (3 मार्च 2025)

सहरी – 4:55 बजे सुबह

इफ्तार – 6:04 बजे शाम

  • Syed Farhan Ahmad

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