रोजेदारों ने अल्लाह की इबादत कर मांगी दुआ

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गोरखपुर। शनिवार को 21वां रोजा मुकम्मल हो गया। अब रोजा थोड़ा लंबा होता जा रहा है। माह-ए-रमजान का तीसरा अशरा जहन्नम से आजादी का चल रहा है। हर तरफ नूरानी समां है। मस्जिदों व घरों में इबादत जारी है। रोजेदारों की इबादतों में कोई कमी नहीं है। एतिकाफ करने वाले इबादत में मश्गूल हैं। रोजेदार इबादत कर पूरी दुनिया में शांति व भाईचारे की दुआ मांग रहे हैं।

 

हजरत अली को शिद्दत से किया याद

 

चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में 21 रमजान को अमीरुल मोमिनीन हजरत सैयदना अली रदियल्लाहु अन्हु के शहादत दिवस पर सामूहिक रूप से कुरआन ख्वानी व दुआ ख्वानी कर अकीदत का नजराना पेश किया गया। वहीं मदीना जामा मस्जिद रेती चौक व मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में महफिल हुई।

 

मौलाना महमूद रजा कादरी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दामाद व मुसलमानों के चौथे खलीफा हजरत अली की शहादत 21 रमजान को हुई। आप दामादे रसूल हैं। दो जन्नती जवानों के सरदार हजरत इमाम हसन व हजरत इमाम हुसैन के वालिद हैं। खातूने जन्नत हजरत फातिमा जहरा के शौहर हैं। हजरत अली का जिक्र करना भी इबादत में शुमार है।

 

मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान है कि जिसका मैं मौला, अली भी उसके मौला। जिसका मैं आका, अली भी उसके आका। जिसका मैं रहबर, अली भी उसके रहबर। जिसका मैं मददगार, अली भी उसके मददगार। हजरत अली का बहुत बड़ा मर्तबा है। हमें भी हजरत अली के नक्शे-कदम पर चलने की पूरी कोशिश करनी चाहिए तभी दुनिया व आखिरत में फायदा होगा।

 

कारी मुहम्मद अनस रजवी ने कहा कि हजरत अली इल्म का समंदर हैं। बहादुरी में बेमिसाल हैं। आपकी इबादत, रियाजत, परहेजगारी और पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम व सहाबा किराम से मुहब्बत की मिसाल पेश करना मुश्किल है।

 

हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि हजरत अली फरमाते हैं कि अल्लाह की कसम मैं कुरआन की आयतों के बारे में सबसे ज्यादा जानने वाला हूं। पैगंबरे इस्लाम ने फरमाया कि मैं इल्म का शहर हूं और अली उसके दरवाजा हैं। अब जो इल्म से फायदा उठाना चाहता है वह बाबे इल्म से दाखिल हो। अंत में सलातो-सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो-अमान की दुआ मांगी गई। 

 

ईद के लिए बाजार गुलजार

 

सेवईंयों की खरीदारी में तेजी है। बाजार में रौनक है। दिन रात बाजार गुलजार नजर आ रहा है। ईद के लिए उर्दू बाजार, रेती, घंटाघर, शाह मारूफ, गोलघर, जाफरा बाजार आदि सज चुका है। खरीदारी जोरों पर है। लोग यहीं से ईद की खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं। ज्वैलरी, कपड़ा, बैग, चूड़ियां, रेडीमेड गारमेंट्स, क्राकरी सहित जरूरत का हर सामान यहां मिल रहा है। बाजार में जूता, चप्पल, प्लास्टिक व अन्य धातुओं के बर्तन, शीशे का समान, टोपी, इत्र, आर्टीफिशियल ज्वैलरी उचित मूल्य पर मिल रही है। कुर्ता पायजामा, शर्ट-पैंट, सलवार सूट के कपड़ों की खूब बिक्री हो रही है। सुबह दुकान खुल रही है तो देर रात तक चल रही है। शाम होते ही बाजार बिजली की रोशनी में नहा जा रहा है।

 

रोजे की हालत में नाक में स्प्रे या दवा डालने से रोजा टूट जाएगा : उलमा 

 

रमजान हेल्पलाइन नंबर 9454674201 पर शनिवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। 

 

1. सवाल : क्या मोअतकिफ (एतिकाफ करने वाला) खाने, पीने और सोने के लिए मस्जिद से बाहर जा सकता है? 

जवाब : नहीं। मोअतकिफ मस्जिद ही में खाए, पिए और सोए उसे इन कामों के लिए बाहर जाने की इजाजत नहीं। हां, खाने, पीने और सोने में एहतियात लाजिम है कि मस्जिद आलूदा (गंदी) न हो। 

 

2. सवाल : घर में झाड़ू देते वक्त गर्द व गुबार हलक में चला जाता है क्या इससे रोजा टूट जाएगा? 

जवाब : नहीं। झाड़ू लगाते वक्त गर्द ओ गुबार के हलक में चले जाने से रोजा नहीं टूटेगा। इसी तरह खुशबू और धुआं या किसी बू वाली चीज बिला इरादा जाने से भी नहीं टूटेगा। अगरचे रोजेदार होना याद हो।

 

3. सवाल : रोजे की हालत में नाक में स्प्रे या दवा डाल सकते है? 

जवाब : नहीं। रोजे की हालत में नाक में स्प्रे या दवा डालने से रोजा टूट जाएगा।

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