
तुर्कमानपुर में 46वां सालाना जलसा

गोरखपुर। सोमवार को आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ां अलैहिर्रहमा की याद में तुर्कमानपुर नूरी मस्जिद के पास 46वां सालाना जलसा हुआ।
मुख्य वक्ता मुरादाबाद के अल्लामा सैयद शबाहत हुसैन कादरी ने कहा कि यह इल्म का दौर है। आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ां अलैहिर्रहमा को दुनियाभर में इश्क-ए-रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम व इल्म की बुनियाद पर पहचाना जा रहा है, इसलिए अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करें, उन्हें आधुनिक शिक्षा के साथ धार्मिक शिक्षा भी जरूर दिलाएं। बच्चों को आलिम के साथ बैरिस्टर, इंजीनियर और डॉक्टर बनाएं। मुसलमानों तुम नाज़ करो कि अल्लाह तआला ने तुम्हें भारत की धरती पर पैदा किया है, जहां आला हज़रत ने जन्म लिया। हर सदी में एक मुजद्दिद पैदा होता है, 14वीं सदी हिजरी के मुजद्दिद आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ां हैं।

उन्होंने अवाम से अपील किया कि अपने शहर व बस्ती में मदरसों के साथ स्कूल, कॉलेज व हॉस्टल बनाएं। बच्चों पर पैनी निगाह रखें। जब वो बालिग हो जाए तो बेहतर रिश्ता देखकर उनकी शादी करा दें, ताकि वो गलत कदम उठाने से बचें। नौजवान सोशल मीडिया का प्रयोग सावधानी से करें। आला हज़रत का पैग़ाम मुहब्बत है, इस पर कायम रहते हुए गुनाह, झूठ, बुरी सोहबत, हसद, बुग्ज, नशाखोरी, लड़ाई-झगड़े, जिना, सूद जैसी सामाजिक बुराई से दूर रहकर मुहब्बत और भाईचारा कायम रखें।
अध्यक्षता करते हुए संतकबीरनगर के पीरे तरीकत मो. हबीबुर्रहमान रज़वी ने कहा कि सुन्नियत की पहचान आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ां अलैहिर्रहमा हैं। आला हज़रत ने अपनी पूरी ज़िंदगी इस्लाम व सुन्नियत के विकास में गुजारी। आपने मुल्क व मिल्लत की ऐसी बेमिसाल खिदमत अंज़ाम दी कि आज आला हज़रत का नाम पूरी दुनिया में रोशन है।

