
गोरखपुर। गोरखपुर सिनेफाइल्स की ओर से ‘शहीद भगत सिंह पुस्तकालय’, संस्कृति कुटीर जाफ़रा बाजार में नंदिता दास द्वारा सांप्रदायिकता पर निर्मित फ़िल्म ‘फ़िराक़’ की स्क्रीनिंग किया गए।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रसेन ने फिल्म के बारे एक संक्षिप्त बात रखी और कहा की सांप्रदायिकता एक आधुनिक परिघटना है।
‘फ़िराक़’ 2002 के गुजरात दंगों के बाद सामान्य लोगों की ज़िन्दगी पर नज़र डालती है, जिनमें से कुछ हिंसा के शिकार हुए थे, कुछ मूक दर्शक थे और कुछ उसमें शामिल रहे थे। एक-दूसरे से गुँथी-बुनी छह अलग-अलग कहानियों के ज़रिए यह दिखाती है कि उस पागलपन ने किस तरह लोगों की ज़िन्दगियों को हमेशा के लिए बदल डाला।
परिचर्चा में फ़िल्म के कलात्मक और तकनीकी पहलुओं और सीमाओं पर भी बात हुई। भारत सहित दुनियाभर में कट्टरपंथी और फ़ासिस्ट विचारधारा और संगठनों के उभार और इसके कारणों पर भी चर्चा की गयी।
फ़िल्म शो में नाटककार राजाराम चौधरी, रवि प्रकाश, रूबी , अम्बरीश, आकाश, प्रीति, दीपक, मुकेश, विनय, रामू आदि लोग शामिल हुए।