
क्या देश के लिए संविधान में संशोधन जरूरी ?

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के सौ दिन पूरे होने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में कई अहम फ़ैसले लिए गए हैं।
पीएम मोदी की केंद्रीय कैबिनेट ने 'एक देश, एक चुनाव' के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। अब संसद के विंटर सेशन में इसे लेकर विधेयक पेश किया जाएगा और इसके लिए संविधान में संशोधन किया जाएगा।
देश में 1951 से 1967 तक चुनाव एक साथ होते थे। वन नेशन, वन इलेक्शन में जो हाई लेवल कमेटी बनाई गई हैउसकी सिफ़ारिशों को आज केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया है। पुरे देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव होना ही इस प्रस्ताव का मूल उद्देश्य है।
