
गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन ने शुक्रवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय के गेट पर 3 फरवरी को अयोध्या में एक दलित नाबालिग लड़की के साथ बर्बर बलात्कार और आज गगहा (गोरखपुर) के शिवनी गाँव के पास एक लड़की की बर्बर हत्या के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया।
संगठन के प्रसेन ने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव के वक़्त नारा दिया था-“बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार भाजपा सरकार।” लेकिन भाजपा के आने के बाद से स्त्री उत्पीड़न की घटनाओं में जिस तरह वृद्धि हुई है उससे यह नारा बदलकर हो गया है-“बार-बार नारी पर वार, नाकाम है भाजपा सरकार।” एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश स्त्री-विरोधी अपराधों में देश में पहले नंबर पर है। 2020 में स्त्री उत्पीड़न के 49385 मामले दर्ज हुए थे जो 2021 में बढ़कर 56083 और 2022 में बढ़कर 65743 हो गए। वास्तव में हमारे देश में स्त्रियों को दोयम दर्जे का मानने की पुरानी परम्परा कायम है वहीं सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म, टीवी आदि के जरिए दिन-रात स्त्री विरोधी फूहड़, अश्लील मानसिकता बच्चों से लेकर बड़ों तक के दिमाग में भरी जाती है। भारतीय संस्कृति का हवाला देने वाली सरकार इसे रोकने पर कोई कदम नहीं उठाती। क्योंकि इसमें बड़े-बड़े धनकुबेरों की अरबों-खरबों की कमाई होती है।
संगठन की प्रीति ने कहा कि जब देश की संसद में ही स्त्री-उत्पीड़क बैठे हैं तो स्त्रियों के उत्पीड़न में कमी कैसे आ सकती है? एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा विधायकों और सांसदों में से 151 पर स्त्री-उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज है। जिसमें भाजपा के 54, कांग्रेस के 23, सपा के 21 और आम आदमी पार्टी के 13 सांसद-विधायक हैं।
संगठन ने माँग रखी कि दोषियों पर सख्त से सख्त क़दम उठाए जाएं। स्त्री-विरोधी कार्यक्रमों पर रोक लगाई जाए। कार्यक्रम में विनय, रिया, रामू, विशाल, अभिजीत, आदर्श, अंकिता, प्रीति, आकाश, खुशी, सुमन, ममता, जागृति, रजनी ओझा, अर्पिता, रवि, शेषनाथ, रूबी, अम्बरीष, आदर्श कुमार, माया, अर्श, दीपक आदि शामिल रहे।