DDU के प्रो. शांतनु रस्तोगी बने प्रो-वाइस चांसलर: दुर्गेश मिश्र और निरंकार सिंह को भी मिली नई ज़िम्मेदारी

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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी (DDU) में प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी की नियुक्ति

DDU के प्रो. शांतनु रस्तोगी बने प्रो-वाइस चांसलर: दुर्गेश मिश्र और निरंकार सिंह को भी मिली नई जिम्मेदारी
the awaaz logo हाइलाइट्स

गोरखपुर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी (DDU) के फिजिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी को एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। 13 महीने तक रजिस्ट्रार के रूप में सेवाएं देने के बाद, अब उन्हें DDU के प्रो-वाइस चांसलर (प्रो-वीसी) पद पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति गोरखपुर यूनिवर्सिटी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

वाइस चांसलर प्रोफेसर पूनम टंडन ने सौंपी अहम जिम्मेदारी

प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी, जो पहले से ही DDU में डीन ऑफ साइंस के पद पर कार्यरत थे और साथ ही रजिस्ट्रार का एडिशनल चार्ज संभाल रहे थे, को अब प्रो-वाइस चांसलर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हाल ही में, गवर्नमेंट के आदेश के बाद अपर नगर आयुक्त हरिओम शर्मा ने 8 अक्टूबर को रजिस्ट्रार का पदभार संभाला। इसके तुरंत बाद प्रोफेसर शांतनु को प्रो-वीसी बनाए जाने की चर्चाएं तेज हो गईं थीं, जो अब वास्तविकता बन चुकी हैं।

प्रो. शांतनु रस्तोगी

प्रो-वाइस चांसलर के रूप में बढ़ीं जिम्मेदारियां

प्रो-वाइस चांसलर बनने के बाद, प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी वाइस चांसलर की अध्यक्षता वाली सभी महत्वपूर्ण समितियों का हिस्सा होंगे, जिनमें एग्जीक्यूटिव काउंसिल, एग्जामिनेशन कमेटी, फाइनेंस कमेटी और एडमिशन कमेटी शामिल हैं। वाइस चांसलर की अनुपस्थिति में वह यूनिवर्सिटी का पूरा कार्यभार भी संभालेंगे। इस नई भूमिका के साथ, उनकी जिम्मेदारियों में और वृद्धि हो गई है।

चार साल बाद DDU को मिला नया प्रो-वाइस चांसलर

गौरतलब है कि DDU में पिछले चार वर्षों से प्रो-वाइस चांसलर का पद खाली था। प्रोफेसर श्रीकांत दीक्षित, जो भूगोल विभाग के प्रोफेसर थे, अंतिम प्रो-वाइस चांसलर थे। उनके रिटायरमेंट के बाद, प्रोफेसर हरिशरण को यह पद मिला, लेकिन जब से प्रोफेसर राजेश सिंह वाइस चांसलर बने, तब से यह पद खाली था। अब, चार साल बाद, प्रोफेसर शांतनु की नियुक्ति ने विश्वविद्यालय में नई उम्मीदें जगाई हैं।

दुर्गेश मिश्र

गोरखपुर में नए कार्यवाहक कुलसचिवों की नियुक्ति

गोरखपुर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्र को मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी (MMMUT) के कार्यवाहक कुलसचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही, अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह को आयुष विश्वविद्यालय का कार्यवाहक कुलसचिव नियुक्त किया गया है।

नवीन नियुक्तियों से विभागों में नई ऊर्जा का संचार

इन नई नियुक्तियों के साथ, यह उम्मीद जताई जा रही है कि तीनों अधिकारी अपने-अपने विभागों में बेहतर समन्वय स्थापित करेंगे और अपनी नई जिम्मेदारियों को सफलता पूर्वक निभाएंगे। यह निर्णय नगर निगम के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने और शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्ता सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है।

स्थानीय प्रशासन और शैक्षणिक संस्थानों के बीच समन्वय को मिलेगा बल

दुर्गेश मिश्र और निरंकार सिंह की नियुक्तियों से स्थानीय प्रशासन और शैक्षणिक संस्थानों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होने की संभावना है। इससे दोनों ही क्षेत्रों में न केवल प्रशासनिक सुधार होंगे, बल्कि अकादमिक गुणवत्ता में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है।

नई नियुक्तियों से जुड़े प्रमुख पक्ष

  1. प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी: वह DDU के डीन ऑफ साइंस के रूप में काम कर रहे थे और रजिस्ट्रार का अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे थे।
  2. दुर्गेश मिश्र: उन्हें MMMUT के कार्यवाहक कुलसचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।
  3. निरंकार सिंह: उन्हें आयुष विश्वविद्यालय का कार्यवाहक कुलसचिव नियुक्त किया गया है।

गोरखपुर में शिक्षण और प्रशासन में आएंगे सकारात्मक बदलाव

इन नई नियुक्तियों के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि गोरखपुर में शैक्षणिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में क्या सकारात्मक बदलाव आते हैं। प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी, दुर्गेश मिश्र, और निरंकार सिंह पर यह जिम्मेदारी है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में गुणवत्ता और कार्यकुशलता को बढ़ाएं।

वाइस चांसलर प्रोफेसर पूनम टंडन का निर्णय और इसकी संभावनाएं

DDU के वाइस चांसलर प्रोफेसर पूनम टंडन ने प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी को प्रो-वाइस चांसलर के रूप में चुनकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह निर्णय आने वाले समय में यूनिवर्सिटी के अकादमिक और प्रशासनिक ढांचे को कितना सशक्त बनाएगा, यह देखना बाकी है।

MMMUT और आयुष विवि को नई दिशा मिलेगी?

दुर्गेश मिश्र और निरंकार सिंह की नई नियुक्तियों से संबंधित विभागों में प्रशासनिक सुधार और समन्वय में वृद्धि होने की पूरी उम्मीद है। इन नियुक्तियों से यह देखा जाएगा कि क्या वे अपने विभागों को नई दिशा देने में सफल होते हैं।

DDU के प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी की प्रो-वाइस चांसलर के रूप में नियुक्ति गोरखपुर के शैक्षणिक और प्रशासनिक क्षेत्र में एक नया अध्याय खोल रही है। इसी प्रकार, दुर्गेश मिश्र और निरंकार सिंह की नियुक्ति से भी शैक्षणिक और प्रशासनिक तंत्र में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में इन अधिकारियों की कार्यशैली और उनके निर्णयों का प्रभाव गोरखपुर के शैक्षिक परिदृश्य पर देखने को मिलेगा।


FAQs

1. प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी की नियुक्ति से DDU को क्या लाभ होगा?
प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी की नियुक्ति से यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक कार्यों में बेहतर समन्वय की उम्मीद की जा रही है। उनके अनुभव और कुशलता से विश्वविद्यालय के अकादमिक और प्रशासनिक क्षेत्र में सुधार की संभावना है।



2. DDU में प्रो-वाइस चांसलर की भूमिका क्या होती है?
प्रो-वाइस चांसलर, वाइस चांसलर की अनुपस्थिति में विश्वविद्यालय का कार्यभार संभालते हैं और वाइस चांसलर की अध्यक्षता वाली विभिन्न समितियों में भाग लेते हैं। उनकी जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों को सुचारू रूप से चलाना होता है।



3. दुर्गेश मिश्र की नियुक्ति MMMUT के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
दुर्गेश मिश्र की नियुक्ति MMMUT में प्रशासनिक सुधार लाने और शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी प्रशासनिक विशेषज्ञता से यूनिवर्सिटी में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है।



4. आयुष विश्वविद्यालय के कुलसचिव के रूप में निरंकार सिंह की भूमिका क्या होगी?
निरंकार सिंह आयुष विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलसचिव के रूप में प्रशासनिक कार्यों को सुचारू बनाने और शैक्षणिक प्रक्रियाओं में सुधार लाने का काम करेंगे।



5. प्रोफेसर पूनम टंडन ने प्रो-वाइस चांसलर के रूप में प्रोफेसर शांतनु को क्यों चुना?

प्रोफेसर पूनम टंडन ने प्रोफेसर शांतनु की प्रशासनिक क्षमता और अकादमिक अनुभव को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रो-वाइस चांसलर नियुक्त किया है। उनके अनुभव से यूनिवर्सिटी में समग्र सुधार की उम्मीद है।
  • Ahmad Atif

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