छात्रों ने बर्ड वांचिंग और नेचर ट्रेल का लिया आनंद

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प्रख्यात पर्यावरणविद् वाइल्ड लाइफ फिल्म निर्माता माइक एच पाण्डेय की वेटलैंड संरक्षण और जलवायु परिवर्तन पर फिल्में देखी

विश्व आर्द्रभूमि दिवस पर शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान में आयोजित हुआ कार्यक्रम, छात्रों के साथ शिक्षक भी हुए शामिल

गोरखपुर। विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर, शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में स्कूली छात्र-छात्राओं और पक्षी प्रेमियों ने नेचर ट्रेल और बर्ड वॉचिंग का आनंद लिया। प्राणी उद्यान के सभागार में प्रख्यात पर्यावरणविद् वाइल्डलाइफ फिल्म निर्माता माइक हरिगोविंद पाण्डेय की वेटलैंड संरक्षण और लद्दाख पर आधारित इको टूरिज्म फिल्म का प्रदर्शन देखा। 

गोरखपुर वन प्रभाग, हेरिटेज फाउडेशन, नमामि गंगे और शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में 150 से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हुई। सभी ने वेटलैंड की महत्ता समझा। संवाद कर वेटलैंड संरक्षण पर संवाद में भी शामिल हुए और वेटलैंड संरक्षण की शपथ ली।

सभी को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। छात्रों ने उद्यान के भ्रमण के साथ परिसर में स्थित 31 एकड़ के वेटलैंड क्षेत्र में प्राकृतिक सौंदर्य को भी अनुभव किया। विभिन्न पक्षी प्रजातियों का अवलोकन किया। छात्रों से वेटलैंड और नदियों के जल को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त रखने की अपील की।

क्षेत्रीय वनाधिकारी प्राणी उद्यान गौरव वर्मा ने छात्रों को राज्य पक्षी सारस, राज्य जलीय जीव डॉल्फिन, राज्य पशु बारहसिंगा और प्रवासी पक्षियों के बारे में जानकारी दी। प्रभारी क्षेत्रीय वनाधिकारी मुख्यालय रेंज दिनेश कुमार चौरसिया ने सभी छात्रों एवं शिक्षकों से पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली अपनाने पर जोर दिया। नमामि गंगे से जुड़े विशेषज्ञों ने प्राणी उद्यान के वेटलैंड में आने वाले पक्षियों के बारे में छात्रों को अवगत कराया।

कार्यक्रम में हेरिटेज फाउंडेशन से मनीष चौबे, हरिटेज वारियर्स सूरज साहनी, वन दरोगा राहुल, बीट प्रभारी बीरबल निषाद, वन रक्षक रामभुवाल मौर्या, वन दरोगा हिमांशु गोंड समेत अन्य वनकर्मी उपस्थित रहे। 

बखिरा वन्यजीव अभयारण्य समेत यूपी में 10 रामसर आर्द्रभूमियां

हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 10 रामसर साइट्स हैं जो राज्य से समृद्ध आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदर्शित करती हैं। ये स्थल न केवल जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी सहायक हैं। उन्होंने बताया कि 2005 में सिर्फ एक ऊपरी गंगा नदी (ब्रजघाट से नरौरा खिंचाव) ही रामसर साइट्स थी लेकिन 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद 2019 में नवाबगंज पक्षी अभयारण्य, साण्डी पक्षी अभयारण्य, समसपुर पक्षी अभयारण्य,समन पक्षी अभयारण्य, पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्य, सरसई नावर झील रामसर साइट्स घोषित हुई। 2020 में सुर सरोवर झील, 2021 में हैदरपुर वेटलैंड, 2022 में बखिरा वन्यजीव अभयारण्य नामित हुआ।

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