गोरखपुर। रविवार को मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में महिलाओं की 18वीं महाना महफिल सजी। संचालन रुकय्या फातिमा व नूर फातिमा ने किया। अध्यक्षता आसमा खातून ने की।
मुख्य अतिथि मुफ्तिया गाजिया खानम अमजदी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम मुकम्मल होने व अल्लाह के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बाद दीन-ए-इस्लाम का प्रचार व प्रसार करने की जिम्मेदारी दुनिया के मुसलमानों को दी गई है, ताकि दीन-ए-इस्लाम के अनुयायी इस्लाम धर्म के रास्ते पर चलते हुए दुनिया में इस्लाम धर्म का प्रचार व शांति स्थापित कर सकें।
उन्होंने कहा कि दीन-ए-इस्लाम पर चलने वाला कोई भी मुसलमान न तो मानवता को अपमानित करता है और न ही दुनिया में हिंसा या किसी अन्य बुराई को जन्म दे सकता है, क्योंकि दीन-ए-इस्लाम के संस्कार में हमेशा शांति बनाए रखने का संदेश दिया गया है। आज के समय में जरूरत है कि हर मुसलमान अल्लाह व आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बताए मार्ग पर चलकर दुनिया के तमाम इंसानों को दीन-ए-इस्लाम की दावत दे और समाज में फैली बुराईयों को खत्म करने के लिए अपनी जिंदगी के कीमती समय में से कुछ न कुछ समय जरूर निकाल कर आगे आए, ताकि दीन-ए-इस्लाम से दुनिया के तमाम इंसानों को जोड़ा जा सके।
कुरआन-ए-पाक की तिलावत अल्बिया ने की। हम्द व नात शिफा नूर, सना फातिमा, सादिया नूर ने पेश की। हदीस-ए-पाक नाज़नीन व सानिया ने पेश की। शिफा खातून ने कपड़ा पाक करने का तरीका और खदीजा फातिमा ने तकरीर पेश की। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर इस्लाम धर्म का प्रसार व प्रचार करने और दुनिया में अमन व अमान की स्थापना की दुआ मांगी गई। महफिल में कनीज फातिमा, फिजा खातून, शबाना खातून, फातिमा, रुखसाना, नूरजहां, अख्तरुन निसा, शबाना खातून, रजिया, असगरी खातून, अफसरी बानो, आलिया आदि मौजूद रहीं।