पीड़ित सिपाही के लिए न्याय की लड़ाई जारी: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपर पुलिस महानिदेशक से की मुलाकात

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रूपेश श्रीवास्तव बोले- न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा

रूपेश श्रीवास्तव बोले- न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत सिपाही पंकज कुमार के साथ अस्पताल में हुई मारपीट के मामले को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद सक्रिय हो गई है। आज परिषद के अध्यक्ष रूपेश श्रीवास्तव और महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) डॉ. के.एस. प्रताप कुमार से मुलाकात की। इस मुलाकात में पीड़ित सिपाही पंकज कुमार को न्याय दिलाने की गुहार लगाई गई, जिस पर एडीजी ने संबंधित मामले में गोरखपुर एसएसपी से बात कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।

अस्पताल में हुई थी मारपीट की घटना

घटना 3 अक्टूबर की है, जब संतकबीर नगर जनपद निवासी सिपाही पंकज कुमार अपनी पत्नी अदिति का इलाज कराने गोरखपुर के गैस्ट्रो लिवर हॉस्पिटल आए थे। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच की 1100 रुपए फीस को लेकर पंकज कुमार डॉक्टर अनुज सरकारी से बात कर रहे थे। यह बातचीत डॉक्टर को इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने अपने बाउंसरों को बुलाकर पंकज कुमार के साथ मारपीट शुरू कर दी।

पत्नी ने डॉक्टर के पैर पकड़कर लगाई गुहार
जब मारपीट शुरू हुई, सिपाही पंकज कुमार की पत्नी अदिति ने डॉक्टर के पैर पकड़कर अपने पति को छोड़ने की मिन्नत की, लेकिन डॉक्टर और बाउंसरों ने उसकी भी एक न सुनी और मारपीट जारी रखी। इस मारपीट में पंकज कुमार को गंभीर चोटें आईं। मेडिकल रिपोर्ट में उनके शरीर पर डेढ़ दर्जन से अधिक चोटों के निशान पाए गए हैं।

मुकदमा पंजीकृत न होने पर उठे सवाल

घटना के बाद भी अब तक सिपाही पंकज कुमार का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, जिससे मामला और गंभीर हो गया है। इसी मुद्दे को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपर पुलिस महानिदेशक से न्याय की गुहार लगाई और जल्द से जल्द आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा: रूपेश श्रीवास्तव

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष रूपेश श्रीवास्तव ने कहा, "यह लड़ाई केवल पंकज कुमार की नहीं है, बल्कि हर उस कर्मचारी की है, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहा है। जब तक सिपाही पंकज को न्याय नहीं मिलता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।"

एडीजी का आश्वासन

मुलाकात के दौरान, एडीजी डॉ. के. एस. प्रताप कुमार ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में गोरखपुर एसएसपी से तुरंत वार्ता करेंगे और मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख नेता

मुलाकात के दौरान राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे। इनमें रूपेश कुमार श्रीवास्तव, मदन मुरारी शुक्ल, राजेश सिंह, श्याम नारायण शुक्ल, पंडित विजय नारायण मिश्र, राजमंगल राय, राजेश मिश्रा, फूल बदन दूबे, वरुण वर्मा बैरागी, अनूप कुमार, डॉ. एस. के. विश्वकर्मा सहित अन्य कर्मचारी नेता शामिल रहे। सभी ने एक सुर में पंकज कुमार के लिए न्याय की मांग की।

पुलिस प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल

इस घटना ने पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि पीड़ित सिपाही होते हुए भी अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। यह मामला न केवल न्याय प्रणाली की निष्क्रियता को दर्शाता है, बल्कि पुलिस के भीतर भी भ्रष्टाचार और पक्षपात की ओर इशारा करता है।

घटना ने बढ़ाई कर्मचारियों में नाराजगी

सिपाही पंकज कुमार के साथ हुई इस घटना ने राज्य के कर्मचारियों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कई नेताओं ने इस घटना को लेकर कड़ा विरोध जताया है और न्याय न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

आंदोलन की चेतावनी

परिषद के महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल ने कहा, "अगर इस मामले में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो हम राज्यभर में आंदोलन करेंगे। यह घटना केवल पंकज कुमार के साथ नहीं है, बल्कि यह हर कर्मचारी की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा मामला है।"

डॉक्टर और बाउंसरों पर आरोप

प्रतिनिधिमंडल ने डॉक्टर अनुज सरकारी और उनके बाउंसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि डॉक्टर ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर सिपाही को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है। ऐसे डॉक्टर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की घटना को अंजाम न दे सके।

समाज में इस घटना की गूंज

यह घटना केवल पुलिस महकमे या कर्मचारी संगठनों तक सीमित नहीं रही, बल्कि समाज के विभिन्न तबकों में भी इस पर चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि अगर कानून के रक्षक ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता का क्या होगा?

न्याय मिलने की उम्मीद

प्रतिनिधिमंडल और कर्मचारियों को उम्मीद है कि एडीजी के आश्वासन के बाद अब सिपाही पंकज कुमार को न्याय मिलेगा और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष

इस घटना ने उत्तर प्रदेश पुलिस और स्वास्थ्य सेवाओं में व्याप्त अनियमितताओं को उजागर किया है। डॉक्टर द्वारा की गई मारपीट और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कानून के रखवालों को भी न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ता है। अब यह देखना होगा कि इस मामले में सरकार और प्रशासन कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और पीड़ित सिपाही पंकज कुमार को कब तक न्याय मिलता है।


FAQs


  1. सिपाही पंकज कुमार के साथ क्या हुआ था?
    सिपाही पंकज कुमार को गोरखपुर के एक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की फीस को लेकर डॉक्टर और उनके बाउंसरों द्वारा बुरी तरह पीटा गया था। इस मारपीट में पंकज कुमार को गंभीर चोटें आईं, लेकिन अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।



  2. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने क्या कार्रवाई की मांग की है?
    राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने डॉक्टर और बाउंसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक से मुलाकात कर मामले में न्याय की गुहार लगाई है।



  3. क्या एडीजी ने न्याय का आश्वासन दिया है?
    हां, अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. के. एस. प्रताप कुमार ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि वह गोरखपुर एसएसपी से मामले पर बात करेंगे और न्याय सुनिश्चित करेंगे।



  4. क्या इस मामले में आंदोलन की संभावना है?
    यदि इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।



  5. अस्पताल की घटना का समाज पर क्या असर हुआ है?
    इस घटना ने समाज के विभिन्न हिस्सों में नाराजगी पैदा की है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर पुलिसकर्मी खुद असुरक्षित हैं, तो आम जनता का क्या होगा?

  • Ahmad Atif

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