बच्चों ने हिंदी, भोजपुरी व उर्दू में कविता लिखनेे व पढ़ने का हुनर सीखा

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गोरखपुर। एमए एकेडमी तुर्कमानपुर में समर कैंप का दूसरा दिन पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की मुकद्दस सीरत, कविता पाठ व लेखन के नाम रहा। कुरआन-ए-पाक की तिलावत रहमत अली ने की। नात-ए-पाक सना फातिमा ने पढ़ी। कारी मुहम्मद अनस रजवी ने बच्चों से सवाल पूछे। सही जवाब देने वाले बच्चों को विद्यालय के मैनेजर मुहम्मद आकिब अंसारी ने पुरस्कृत किया।

मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता प्रसेन ने हिंदी, उर्दू व भोजपुरी में शानदार तराना गाया। कविता व गीत की प्रस्तुति दी। बच्चों को कविता लेखन के गुर सिखाए। कविता पढ़ने का तरीका बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के महत्व को देखते हुए, यह आवश्यक है कि सभी को शिक्षा प्राप्त करने का समान अवसर मिले, खासकर लड़कियों और गरीबों को। शिक्षा जीवन के लिए आवश्यक है क्योंकि यह हमें ज्ञान, कौशल और समझ प्रदान करती है, जिससे हम बेहतर नागरिक बन सकते हैं और अपनी जिंदगी को बेहतर ढंग से जी सकते हैं। शिक्षा हमें विभिन्न विषयों के बारे में ज्ञान प्राप्त करने में मदद करती है, जिससे हम दुनिया को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।

अध्यक्षता करते हुए सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी ने पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की जिंदगी पर विस्तार से प्रकाश डाला। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में अमन-चैन की दुआ मांगी गई। इस दौरान विद्यालय की प्रधानाचार्या सीमा परवीन, मुनव्वर अहमद, उप प्रधानाचार्या निदा फातिमा, सलमा खान, शमा खान, सोबिया खान, मुनाजिर हसन सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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