मेराज शरीफ़ की रात 27, को होगी इबादत

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गोरखपुर। इस्लामी माह रजब चल रहा है। इस माह की 27वीं रात को ‘शब-ए-मेराज’ कहा जाता है। जो सोमवार 27 जनवरी को है।

कारी मुहम्मद अनस क़ादरी ने बताया कि इस रात पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की अल्लाह से मुलाकात हुई थी। अरबी में ‘शब’ का अर्थ रात है अर्थात इस रात को पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की अल्लाह से मुलाकात की रात भी कहते हैं।

हाफिज रहमत अली निजामी ने बताया कि शब-ए-मेराज का इस्लाम धर्म में बहुत महत्व है साथ ही इस रात की बड़ी फज़ीलत है। इस रात इबादत करने का अलग महत्व है। इस रात मुसलमान नफ्ल नमाज़ अदा करते हैं। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत करते हैं। बहुत सारे लोग रजब की 26 व 27 तारीख़ का रोज़ा भी रखते हैं। यह सब मुस्तहब व बेहतरीन काम है।

मौलाना महमूद रज़ा कादरी ने बताया कि शब-ए-मेराज के मुकद्दस मौके पर कई मस्जिदों में शब-ए-मेराज की महफिल सजेगी। सलातुल तस्बीह व अन्य नफ्ल नमाज़ अदा की जाएगी। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत घरों व मस्जिदों में होगी। रातभर अल्लाह व रसूल का जिक्र होगा। दरूदो-सलाम का नज़राना पेश किया जाएगा।

हाफिज रहमत अली निजामी ने बताया कि शब-ए-मेराज का इस्लाम धर्म में बहुत महत्व है साथ ही इस रात की बड़ी फज़ीलत है। इस रात इबादत करने का अलग महत्व है। इस रात मुसलमान नफ्ल नमाज़ अदा करते हैं। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत करते हैं। बहुत सारे लोग रजब की 26 व 27 तारीख़ का रोज़ा भी रखते हैं। यह सब मुस्तहब व बेहतरीन काम है।

मौलाना महमूद रज़ा कादरी ने बताया कि शब-ए-मेराज के मुकद्दस मौके पर कई मस्जिदों में शब-ए-मेराज की महफिल सजेगी। सलातुल तस्बीह व अन्य नफ्ल नमाज़ अदा की जाएगी। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत घरों व मस्जिदों में होगी। रातभर अल्लाह व रसूल का जिक्र होगा। दरूदो-सलाम का नज़राना पेश किया जाएगा।

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