
गोरखपुर। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाज़ार में महाना दीनी महफ़िल हुई। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से आगाज़ हुआ। मेराज शरीफ़ का वाकया बयान हुआ।
मुख्य वक्ता नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि अल्लाह पाक अपने नबियों को मो’अजज़ात (Miracles) देकर दुनिया में भेजता है। मो’अजज़ा उन बातों को कहते हैं जो किसी नबी से ऐलाने नबुव्वत के बाद ज़ाहिर हो और उसका होना आम तौर पर नामुमकिन हो। अल्लाह पाक अपने नबियों को मो’अजज़ा इसलिए देकर भेजता है कि ज़िद्दी दिल व दिमाग रखने वाले लोग भी इसे देख कर ईमान ले लाएं। मो’अजज़ा नबी के सच्चे होने का सबूत है।
हमारे आका अल्लाह पाक के आख़री नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिही वसल्लम को अल्लाह पाक ने अनगिनत मो’अजज़े अता फरमाए। जिनमें चांद को टुकड़े करना, डूबे सूरज को वापस बुलाना, उंगलियों से पानी के चश्मे जारी होना वगैरह वगैरह शामिल है। इन्हीं मो’अजज़ात में एक अहम मो’अजज़ा “मेराज” का है जिसे “इसरा का मो’अजज़ा” भी कहते हैं। अल्लाह पाक ने अपने आखरी नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिही वसल्लम को रात के एक थोड़े से हिस्से में मस्जिद ए हराम से मस्जिद ए अक्सा तक की सैर कराई।
जिसकी दूरी इस ज़माने में तकरीबन 1461 किलोमीटर है। इसका ज़िक्र अल्लाह पाक की सच्ची किताब कुरआन पाक में भी मौजूद है। मस्जिद ए अक्सा में नबी पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिही वसल्लम ने सारे नबियों को नमाज़ पढ़ाई। उनकी इमामत फरमाई। और वहां से आसमान, जन्नत व दोज़ख, अर्श ए आज़म और लामकां की सैर करते हुए अल्लाह पाक की खास बारगाह में हाज़िर हुए। माथे की आंखों से अल्लाह पाक की तजल्लियों का दीदार फरमाया। “मेराज” में ही अल्लाह पाक ने अपने प्यारे नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिही वसल्लम की उम्मत को नमाज़ का तोहफा दिया।
रात के थोड़े से हिस्से में नबी पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम का इतना लंबा सफर तय करना। वक्त का गोया ठहर जाना। फासलों का सिमट जाना। आसमान की बुलंदियों के पार जाना। वगैरह वगैरह बातें आज भी दुनिया भर के साइंसदानों (Scientists) को हैरत में डाले हुए है। और आज भी यह बातें इंसानी अक्ल को तहकीक (Research) करने की दावत दे रही हैं।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में शांति, तरक्की व भाईचारगी की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। महफ़िल में हाफिज रहमत अली निजामी, हाजी बदरूल हसन, मुख्तार अशरफी, हाजी सलीम, रूशान, मो. इरफान, मो. अरीब, मो. आयान, मो. आसिफ, कारी मोहम्मद अनस क़ादरी आदि मौजूद रहे।