

प्रदेश भर में अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं का होगा भौतिक निरीक्षण
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, रजिस्ट्रार, निदेशक, विशेष सचिव को निरीक्षण की जिम्मेदारी
गोरखपुर। प्रदेश भर भर में संचालित अल्पसंख्यक कल्याण की सभी योजनाओं समेत मदरसों की हर महीने जांच होगी। शासन स्तर से इसके लिए समय सारिणी भी जारी की गई है। जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों को निरीक्षण जिम्मेदारी के साथ ही हर महीने की पांच तारीख को रिर्पोट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। यह रिपोर्ट अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को प्रस्तुत की जाएगी। इस सम्बंध में आदेश विशेष सचिव उत्तर प्रदेश प्रदेश ने जारी कर दिए हैं। प्रदेश भर में संचालित मदरसों के भौतिक निरीक्षण से पता लगाया जाएगा कि वहां कितनी योजनाएं संचालित है। शिक्षकों और छात्राओं की उपस्थिति कैसी है, क्या कोई ऐसे भी मदरसे हैं जो सिर्फ कागजों पर ही योजनाएं संचालित कर रहे हैं, मिड डे मिल की स्थिति। ये सारी जानकारियां वरिष्ठ अधिकारियों को जुटानी होगी। जिसके बाद आगे की योजनाएं बनेगी और कार्यवाही भी होगी। अल्पसंख्यक विभाग ने अधिकारियों के दिन भी तय किए हैं कौन अधिकारी महीने में कितने दिन निरीक्षण करेंगे। जिसके अन्तर्गत जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को महीने में आठ दिन निरीक्षण करना होगा। जिसमें आठ पीएमजेपीके की परियोजनाओं के निरीक्षण के साथ ही 15 मदरसे और 15 शैक्षिक संस्थानों में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति का सत्यापन करना होगा। इसी तरह उप निदेशक को महीने में छह दिन, संयुक्त निदेशक-रजिस्ट्रार को महीने में चार दिन, विशेष सचिव- निदेशक, संयुक्त सचिव को महीने में दो दिन परियोनाआों, मदरसों का निरीक्षण और छात्रवृत्ति का सत्यापन करना होगा।

5 के बाद से शुरू करेंगे निरीक्षण मिली जानकारी के अनुसार 15 अगस्त के बाद निरीक्षण शुरू हो जाएगा। ये प्रक्रिया पूरे साल चलेगी। निरीक्षण से योजनाओं के क्रियान्वयन की सटीक जानकारी मिलेगी। साथ ही छात्रवृत्ति के सत्यापन से भी छात्रों को फायदा मिलेगा। कई शैक्षिक संस्थान कम छात्र होने के कारण छात्रवृत्ति आवेदन में कोताही बरतते हैं, इससे छात्रों को नुकसान होता। सत्यापन से सारी समस्याएं दूर होंगी। वहीं कागजों पर चल रही योजनाओं की भी पोल खुलेगी।
