हज 2025: गोरखपुर से 134 हज यात्रियों का चयन, यूपी से 15,457 लोग होंगे शामिल

हज 2025: गोरखपुर से 134 हज यात्रियों का चयन, यूपी से 15,457 लोग होंगे शामिल
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हज 2025: गोरखपुर से 134 हज यात्रियों का चयन, यूपी से 15,457 लोग होंगे शामिल
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गोरखपुर। हज यात्रा 2025 के लिए गोरखपुर जिले से 134 लोगों का चयन हो चुका है। उत्तर प्रदेश से इस बार कुल 15,457 लोग हज यात्रा पर जाएंगे। यह संख्या पिछले कुछ वर्षों की तुलना में कम है, लेकिन इसके बावजूद चयनित हज यात्रियों में जबरदस्त खुशी का माहौल है। आखिरकार, अल्लाह के घर काबा और पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के रौजा-ए-मुबारक की जियारत करने का मौका मिलना हर मुसलमान का सबसे बड़ा सपना होता है।

गोरखपुर के हज यात्रियों के लिए जल्द ही प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां उन्हें हज के अरकान और अन्य आवश्यक जानकारी दी जाएगी।

गिरती जा रही है हज यात्रियों की संख्या

पिछले कुछ वर्षों में हज करने वालों की संख्या में निरंतर गिरावट देखी गई है, जो चिंता का विषय है। 2025 में यूपी का हज कोटा 22,191 था, लेकिन केवल 15,457 लोगों ने आवेदन किया। यह संख्या निर्धारित कोटे से कम है, जबकि उमरा करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हज एक फ़र्ज़ इबादत है जबकि उमरा सुन्नत इबादत होती है।

गोरखपुर से हज यात्रियों की संख्या में भी कमी आई है। 2024 में जहां 210 लोगों ने हज यात्रा की थी, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर 134 पर आ गई है। पिछले वर्षों में, 2023 में 332 और 2022 में 144 लोग हज पर गए थे।

क्या हैं हज यात्रियों की संख्या में गिरावट की वजहें?

हज यात्रियों की संख्या में कमी की कई वजहें सामने आई हैं। गोरखनाथ क्षेत्र के रहने वाले नेहाल अहमद के अनुसार, हज यात्रा का महंगा होना और यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं की कमी प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। वहीं, उमरा की यात्रा सस्ती और सहूलियत भरी होती है, इसलिए अमीर और गरीब दोनों के बजट में फिट हो जाती है।

नेहाल अहमद का कहना है कि लोग अब प्राइवेट हज यात्रा करना भी पसंद कर रहे हैं, जो महंगी होने के बावजूद काफी सुविधाजनक होती है। हालांकि, अगर हज कमेटी ऑफ इंडिया हज यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाए, तो यह संख्या दोबारा बढ़ सकती है।

हज यात्रियों की संख्या: 2014 से अब तक की स्थिति

वर्षहज यात्रियों की संख्या
2014286
2015286
2016238
2017294
2018339
2019397
2020निरस्त
2021निरस्त
2022144
2023332
2024210

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि 2019 के बाद से हज यात्रियों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।

8 से 21 अक्टूबर तक जमा करनी है पहली किस्त

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कमलेश कुमार मौर्य ने बताया कि हज कमेटी ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार सभी चयनित हज यात्रियों को हज खर्च की पहली किस्त 1,30,000 रुपये 8 से 21 अक्टूबर के बीच जमा करनी होगी। यह किस्त हज कमेटी की वेबसाइट या हज सुविधा ऐप के माध्यम से ऑनलाइन जमा की जा सकती है। इसके अलावा, इच्छुक यात्री स्टेट बैंक ऑफ इंडिया या यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखाओं में ऑफलाइन भी भुगतान कर सकते हैं।

23 अक्टूबर तक जमा करने हैं दस्तावेज

कमलेश कुमार मौर्य ने बताया कि पहली किस्त जमा करने के बाद, यात्रियों को आवश्यक दस्तावेज 23 अक्टूबर तक जमा करने होंगे। इनमें हज आवेदन की रसीद, हज आवेदन फॉर्म, घोषणापत्र, मेडिकल स्क्रीनिंग और फिटनेस सर्टिफिकेट, और अंतरराष्ट्रीय पासपोर्ट की स्वहस्ताक्षरित फोटोकॉपी शामिल हैं। ये दस्तावेज उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के कार्यालय में डाक या व्यक्तिगत रूप से जमा किए जा सकते हैं।

हज यात्रियों में खुशी की लहर

चयनित हज यात्री इस अवसर को लेकर बेहद खुश हैं। गाजी रौजा के निवासी हाफिज अयाज अहमद, अब्दुल मतीन फैजी, नुसरत जहां, निशात फातिमा और अन्य यात्रियों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए अल्लाह का शुक्र अदा किया। उनका कहना है कि हज यात्रा पर जाने का अवसर मिलना उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण और आनंदमयी अनुभव है।

हज: एक फ़र्ज़ इबादत

हाफिज रहमत अली निजामी के अनुसार, हज इस्लाम में एक फ़र्ज़ इबादत है, जिसे 9 हिजरी में फ़र्ज़ किया गया था। यह केवल उन मुसलमानों पर फ़र्ज़ है जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं। अल्लाह तआला का इरशाद है कि जो उसकी इस्तिताअत (ताकत) रखता है, उस पर हज करना अनिवार्य है।

हज और उमरा में अंतर

हज और उमरा दोनों इस्लामी इबादतें हैं, लेकिन दोनों में अंतर है। हज एक फ़र्ज़ इबादत है, जो साल में एक बार निश्चित समय पर किया जाता है। इसके विपरीत, उमरा एक सुन्नत इबादत है, जो सालभर किसी भी समय की जा सकती है।

हज यात्रा में आ रही चुनौतियां

हज यात्रा के लिए यात्रियों की संख्या में गिरावट के पीछे कई चुनौतियां हैं। सबसे प्रमुख है बढ़ती लागत। हज यात्रा हर साल महंगी होती जा रही है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोग इसमें शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इसके अलावा, यात्रा के दौरान मिलने वाली सुविधाओं की कमी भी एक बड़ी चिंता का विषय है।

क्या हो सकते हैं समाधान?

हज यात्रियों की संख्या में गिरावट को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. यात्रा की लागत में कमी: अगर हज यात्रा की लागत को कम किया जाए, तो अधिक लोग इसे वहन कर सकेंगे।
  2. सुविधाओं में सुधार: यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने से उनकी यात्रा का अनुभव बेहतर होगा और अधिक लोग इसमें शामिल होने की प्रेरणा पाएंगे।
  3. प्राइवेट ऑपरेटरों की जवाबदेही: प्राइवेट हज यात्रा ऑपरेटरों की सेवाओं की मॉनिटरिंग और गुणवत्ता को सुनिश्चित करना आवश्यक है।

हज 2025 के लिए गोरखपुर से 134 और उत्तर प्रदेश से 15,457 लोगों का चयन किया गया है। हालांकि, हज यात्रियों की संख्या में गिरावट एक चिंता का विषय बनी हुई है। इसकी प्रमुख वजह हज यात्रा का महंगा होना और सुविधाओं की कमी है। हज कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा अगर इन पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है, तो आगामी वर्षों में हज यात्रियों की संख्या फिर से बढ़ाई जा सकती है।


FAQs

  1. 2025 में गोरखपुर से कितने लोग हज यात्रा पर जाएंगे? गोरखपुर से 2025 में 134 लोग हज यात्रा पर जाएंगे। हालांकि यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में कम है, फिर भी चयनित यात्रियों में बहुत उत्साह और खुशी है। इस संख्या में कमी का एक प्रमुख कारण हज यात्रा के खर्चों का बढ़ना माना जा रहा है।



  2. हज यात्रियों की संख्या में गिरावट क्यों हो रही है? हज यात्रियों की संख्या में गिरावट की कई वजहें हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हज यात्रा की बढ़ती लागत है। पिछले कुछ वर्षों में हज का खर्च तेजी से बढ़ा है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोग इस यात्रा को वहन नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा, कई लोग अब उमरा को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि यह सस्ता और सुविधाजनक होता है।



  3. हज और उमरा में क्या अंतर है? हज और उमरा दोनों इस्लामी इबादतें हैं, लेकिन हज एक फ़र्ज़ इबादत है, जो हर मुसलमान पर एक बार ज़रूर करना होता है अगर वह आर्थिक रूप से सक्षम हो। हज साल में केवल एक बार निर्धारित समय पर होता है, जबकि उमरा एक सुन्नत इबादत है जिसे साल भर किसी भी समय किया जा सकता है। उमरा का खर्च भी हज से कम होता है, जिससे यह अधिक सुलभ हो जाता है।



  4. हज यात्रा के लिए पहली किस्त कब तक जमा करनी होगी और कितनी राशि होगी? हज यात्रा 2025 के लिए चयनित यात्रियों को 8 से 21 अक्टूबर 2024 तक हज खर्च की पहली किस्त जमा करनी होगी, जो 1,30,000 रुपये है। यह राशि हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट, हज सुविधा ऐप या स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में ऑफलाइन भी जमा की जा सकती है। यह पहली किस्त जमा करने के बाद ही यात्रा की तैयारी शुरू होती है।



  5. हज यात्रा के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है और कब तक जमा करने होते हैं? हज यात्रा के लिए यात्रियों को 23 अक्टूबर 2024 तक कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करने होंगे। इनमें हज खर्च की पहली किस्त की रसीद, हज आवेदन फॉर्म, घोषणापत्र, मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट और अंतरराष्ट्रीय पासपोर्ट की फोटोप्रति शामिल हैं। ये दस्तावेज उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के कार्यालय में डाक या व्यक्तिगत रूप से जमा किए जा सकते हैं। बिना इन दस्तावेजों के जमा हुए, यात्री हज यात्रा के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे।

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