गोरखपुर। जहन्नम से आजादी का अशरा चल रहा है। ईद आने वाली है। नमाज, रोजा, तिलावत व नेक कामों के जरिए अल्लाह की इबादत की जा रही है। शनिवार को 28वां रोजा अल्लाह व रसूल की याद में गुजरा। खूब रो-रो कर दुआ मांगी जा रही है। तरावीह की नमाज जारी है। रोजेदार एतिकाफ में मश्गूल हैं। शबे कद्र की अंतिम (29वीं) ताक रात में खूब इबादत हुई।
वहीं इस्लाम धर्म के मानने वाले रविवार 30 मार्च को 29वां रोजा पूरा करके ईद का चांद (शव्वाल माह) देखेंगे। अगर चांद नजर आ गया तो सोमवार 31 मार्च को ईद का त्योहार मनाया जाएगा। अगर चांद नहीं दिखा तो सोमवार को 30वां रोजा मुकम्मल करके मंगलवार 1 अप्रैल को ईद का त्योहार मनाया जाएगा। उलमा किराम ने चांद देखने की तैयारी पूरी कर ली है।
ईदगाह व मस्जिदों में तैयारियां तेज
ईद की नमाज के लिए ईदगाहों व मस्जिदों में तैयारियां तेज है। रंग-रोगन हो रहा है। साफ-सफाई हो रही है। ईदगाह मुसलमानों के दो सबसे बड़े त्योहार ईद-उल-फित्र और ईद-उल-अजहा की खुशी मनाने के लिए है। यहीं पर दो रकात नमाज अदा कर बंदे अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं और खुशियां मनाते हैं। मौलाना महमूद रजा कादरी ने बताया कि ईदगाह का अर्थ होता है खुशी की जगह या खुशी का समय। यह ऐसी जगह है जहां पर बंदे दो रकात नमाज पढ़कर अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं। जब बंदा 29 या 30 दिन का रोजा पूरा कर लेता है तो अल्लाह तआला उसे खुशी मनाने का हुक्म देता है।
हाफिज रहमत अली निजामी ने बताया कि ईदगाह में ईद की नमाज अदा करना पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम व सहाबा किराम की सुन्नत है, इसलिए कोशिश रहे कि ईद की नमाज ईदगाह में ही अदा करें। ईदगाह दो ईदों के लिए ही बनाई गई है। ईद-उल-फित्र की नमाज के लिए जाते हुए रास्ते में आहिस्ता से तकबीरे तशरीक ‘अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, ला इलाहा इल्लल्लाह, वल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, व लिल्लाहिल हम्द’ पढ़ी जाएगी। नमाज ईदगाह में जाकर पढ़ना और रास्ता बदल कर आना, पैदल जाना और रास्ते में तकबीरे तशरीक पढ़ना सुन्नत है। पैगंबरे इस्लाम ईद-उल-फित्र के दिन कुछ खाकर नमाज के लिए तशरीफ ले जाते। ईद को एक रास्ते से तशरीफ ले जाते और दूसरे से वापस होते।
कारी मुहम्मद अनस रजवी ने बताया कि पांच महीनों का चांद देखना वाजिबे किफाया है शाबान, रमजान, शव्वाल, जीकादा, जिलहिज्जा। पैग़ंबरे इस्लाम ने फरमाया कि महीना 29 का भी होता है और 30 का भी। रोजा चांद देख कर शुरु करो और चांद देख कर रोजा बंद कर दो। अगर आसमान साफ नहीं है तो 30 की गिनती पूरी करो।
ईद-उल-फित्र की नमाज का समय (सुबह)
1. चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर, बिलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर, मोती जामा मस्जिद अमरुतानी बाग रसूलपुर – 7:00 बजे
2. नूर जामा मस्जिद चिलमापुर, फहीम जामा मस्जिद इस्लामिया नगर रसूलपुर – 7:15 बजे
3. हुसैनी जामा मस्जिद बड़गो, मक्का मस्जिद मेवातीपुर, नूरानी जामा मस्जिद कामरेड नगर रसूलपुर, मस्जिद फैजाने इश्के रसूल शहीद अब्दुल्लाह नगर, हुसैनी मस्जिद शाहपुर पादरी बाजार, तैबा मस्जिद चक्शा हुसैन पचपेड़वा गोरखनाथ, दरोगा साहब मस्जिद अफगानहाता, मस्जिद मुसम्मात नसीबन बीबी (कादरिया मस्जिद) निकट नखास चौक कोतवाली रोड – 7:30 बजे
4. मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक, मस्जिद मियां साहब सैनिक विहार नंदानगर, गौसिया जामा मस्जिद लीची बाग जामिया नगर, जामा मस्जिद अहले बैत पुराना गोरखपुर गोरखनाथ, बिलाल जामा मस्जिद दरिया चक भट्टा रसूलपुर, कादरिया मस्जिद पचपेड़वा गोरखनाथ – 7:45 बजे
5. ईदगाह हजरत मुबारक ख़ां शहीद नार्मल, गाजी मस्जिद गाजी रौजा, गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर, मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर, फिरदौस जामा मस्जिद जमुनहिया बाग, ईदगाह सेहरा बाले का मैदान बहरामपुर, मस्जिद जलील शाह खूनीपुर जब्ह खाना, जामा मस्जिद रसूलपुर, जामा मस्जिद सुब्हानिया तकिया कवलदह, नूरी जामा मस्जिद अहमदनगर चक्शा हुसैन, ईदगाह इमामबाड़ा इस्टेट मियां बाजार, अशरफी जामा मस्जिद हुमायूंपुर उत्तरी – 8:00 बजे
6. मुकीम शाह जामा मस्जिद बुलाकीपुर, शाही मस्जिद तकिया कवलदह, अकबरी जामा मस्जिद अहमदनगर चक्शा हुसैन – 8:15 बजे
7. सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, तामीरुल मसाजिद सूरजकुंड कॉलोनी, ईदगाह बेनीगंज, ईदगाह पुलिस लाइन, जामा मस्जिद उर्दू बाजार – 8:30 बजे
8. सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार – 8:45 बजे
9. ईदगाह फतेहपुर मेडिकल कॉलेज के सामने, ईदगाह सेहरा बाले का मैदान बहरामपुर, उंचवा मस्जिद – 9:00 बजे
10. शाही मस्जिद बसंतपुर सराय – 10:00 बजे
11. सुन्नी जामा मस्जिद सौदागार मोहल्ला बसंतपुर – 10:30 बजे