बारह रवीउल अव्वल का जुलूस अमनो- अमान के साथ निकलेगा

बारह रवीउल अव्वल का जुलूस अमनो- अमान के साथ निकलेगा
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  • इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी की बैठक में पुरानी रवायत को दोहराई गई

  • ईदमिलादुन्नबी का दिन सभी के लिए बड़ा ही मुर्सरत का दिन : अशरफ अली

  • त्योहारों को मनाकर एकता और भाईचारे की परम्परा को जीवित रखें : अब्दुल्लाह

  • सभी जुलूस बड़े ही अदबों एहतराम के साथ निकाला जायेगा : हाजी कलीम अहमद

बारह रवीउल अव्वल का जुलूस अमनो- अमान के साथ निकलेगा

गोरखपुर। बारह रवीउल अव्वल को लेकर इमामचौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी की बैठक कमेटी के संरक्षक एवं वरिष्ठ काउंसलर खैरूल बशर के निर्देश पर कमेटी अध्यक्ष अब्दुल्लाह की अध्यक्षता में सामाजिक हाल, शिवपुर शहबाजगंज में हुई। बैठक के मुख्य अतिथि एवं पूर्व पार्षद अशरफ अली थे। बैठक में जुलूस -ए- मुहम्मदी का जुलूस निकालने वाले सभी जिम्मेदारों ने जुलूस को अमनो- अमान और भाईचारे के साथ निकालने पर बल दिया गया। जुलूस -ए- मुहम्मदी का जुलूस 16 सितम्बर को फजिर की नमाज अदा करने के बाद सुबह 6 बजे से जुलूसों के निकलने का सिलसिला शुरू हो जायेगा।

बैठक को संबोधित करते हुए कमेटी अध्यक्ष अब्दुल्लाह ने कहा कि गोरखपुर की सदियों पुरानी परम्परा रही है कि सब मिलजुलकर अपने त्योहारों को मनाकर एकता और भाईचारे की परम्परा को जीवित रखें हुए हैं। उन्होंने कहा कि यही पैगाम पैगम्बरे इस्लाम ने भी दिया है। जो पूरी दुनिया में एक नबी, एक कुरआन और एक खुदा को मानने वाले लोग मजहबे इस्लाम में रहकर सारे अरकान को पूरा करते हैं।

इस मौके पर कन्वीनर हाजी कलीम अहमद फरजंद ने कहा कि बारह रवीउल अव्वल (ईदमिलादुन्नबी) हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के यौमे पैदाइश पर निकलने वाले सभी जुलूस बड़े ही अदबों एहतराम के साथ निकाला जायेगा।

बैठक के मुख्य अतिथि एवं पूर्व पार्षद अशरफ अली ने कहा कि बारह रवीउल अव्वल ईदमिलादुन्नबी का दिन सभी लोगों के लिए बड़ा ही मुर्सरत का दिन होता है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर का जुलूस -ए- मुहम्मदी का जुलूस बड़े ही शानो-शौकत के साथ निकालकर पैगम्बर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम के यौमे पैदाइश की खुशी मनाते हैं।

बैठक में मुख्य रूप से पूर्व पार्षद नवीउल्लाह अंसारी, पूर्व पार्षद अशरफ अली, मिस्बाहुददीन सिद्दीकी, हाफिज बदरूद्दीन, पार्षद उजैर अहमद, मुर्तजा हुसैन रहमानी, शकील अहमद अंसारी, आबिद अली, अफजाल अहमद बब्लू, मंसूर आलम, रजी अहमद, नवी भाई , शीश महल दरगाह जाफरा बाजार के गद्दीनशीन सज्जाद अली रहमानी, साजिद अली चौधरी, आजम अली घोसी, अंजुम तारिक, सैफूर्रहमान, रिजवान कादरी, इरफान घोसी, वकील अहमद, वसीम अहमद, डा. एम सेराज सलमानी, डा. शाहिद अंसारी, बरकत अली, भोला घोसी, जब्बार घोसी, इसराइल घोसी, सनव्वर खान, अकील अहमद मुन्ना, फैसल अंसारी, सरफराज, शमीम खान, ऐनुल हसन, सलमान खान, शहजाद अली, शहादत, अजीज पप्पू, जाकिर अली, नूर अंसार, कमालुद्दीन, अरशद राही, फखरूद्दीन घोसी, चौधरी बदरे आलम भानू, साबिर अली, अल्ताफ हुसैन, महबूब आलम, अफजल हुसैन, अहमद हुसैन, जलालुद्दीन, नईम अरशद, अशफाक आलम, मुहम्मद यूनुस अंसारी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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