गोरखपुर। हज़रत सैयद सालार मसूद गाजी मियां रहमतुल्लाह अलैह जनसामान्य में बाले मियां के नाम से जाने जाते हैं। हज़रत सैयद सालार मसूद गाजी मियां रहमतुल्लाह अलैह का प्रसिद्ध मेला 18 मई माह से शुरु हो जाएगा। मुख्य मेला 18 मई को है। मेला बहरामपुर स्थित बाले मियां के आस्ताने पर अकीदत के साथ लगाया जाता है। पूर्वांचल की गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल माने जाने वाले इस मेले में भारी तादाद में अकीदतमंदों की सहभागिता होती है।
लगन की रस्म रविवार को अकीदत के साथ पूरी की गई। शादी की तिथि 18 मई तय पायी गई। सुबह से ही आस्ताने पर अकीदतमंदों का तांता लगा रहा। फज्र की नमाज के बाद गुस्ल शरीफ व कुरआन ख्वानी की रस्म हुई। दोपहर के समय अकीदतमंदों के द्वारा लगन की रस्म अदा की गई। अकीदतमंद नरकटिया, नकहा, बसंतपुर सहित विभिन्न मोहल्लों से जुलूस की शक्ल में चादर के साथ दरगाह पर पहुंचे। चादर व गागर आस्ताने पर पेश किया गया। लोगों ने दुआ मांगी। इस दौरान पुलिस बल भी मौजूद रहा।
बताते चलें कि हर साल लगन की रस्म पलंग पीढ़ी के रूप में मनाई जाती है। बहरामपुर में हर साल जेठ के महीने में मेला लगता है। जहां पर आस-पास के क्षेत्रों के अलावा दूर दराज से भारी संख्या में अकीदतमंद यहां आते हैं। मेला एक माह तक चलता है।