-छोटे काजीपुर में सेमिनार

गोरखपुर । एक पढ़ी लिखी मां की गोद से पढ़ी लिखी औलाद समाज को मिल सकती है। मां की गोद बच्चे के लिए सबसे पहला मदरसा व स्कूल है, इसलिए उसका पढ़ा लिखा होना बेहद जरूरी है। किसी दानिश्मंद का कौल है कि एक औरत को तालीम दे देना एक यूनिवर्सिटी खोल देने के बराबर है। मुसलमान अगर तरक्की चाहते हैं तो नमाज़, रोजा, हज व ज़कात की पाबंदी करें। अल्लाह और पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की तालीमात पर मुकम्मल बेदारी के साथ अमल करें। अल्लाह और पैग़ंबरे इस्लाम के जिक्र से दिलों को रौशन करें। शरीअत के खिलाफ़ कोई काम न किया जाए।
